नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मातृत्व अवकाश का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल से जोड़ने और उन्हें वहां पर बरकरार रखने का रहा है. कोर्ट ने कहा कि रोजगार के दौरान किसी भी महिला के लिए चाइल्ड बर्थ को उसे उसके अभिन्न हिस्सा के रूप में रखकर देखा जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की एक बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता एक सरकारी कर्मी हैं. उन्हें मातृत्व अवकाश नहीं दिया गया था. सरकारी विभाग ने बताया कि उस महिला ने अपने बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश ग्रहण कर लिया था. यानी जब उसकी शादी हुई थी, तो पति के बच्चों की देखभाल के लिए उसने समय लिया था. अब वह खुद अपने बच्चों की मां बनने के लिए अवकाश चाहती है.