आनंद : गुजरात के एक परिवार में आठ साल बाद बेटे का जन्म हुआ. इस खबर से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था लेकिन उन पर गमों का पहाड़ तब टूटा जब ये पता चला कि नवजात को सांस लेने में दिक्कत है और वह उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है.
नवजात को तुरंत वेंटिलेटर में रखने की जरूरत थी, वरना उसकी हालत और गंभीर हो जाती इसलिए चिकित्सक की सलाह पर परिवार ने तुरंत उसे आनंद जिला लांभवेल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बिराज ठाकरे ने बताया कि जब नवजात को इलाज के लिए उनके पास लाया गया उसकी हालत अत्यंत गंभीर थी. उसे सांस में दिक्कत होने के साथ उच्च रक्तचाप भी था. नवजात को वेंटिलेटर सर्पोट दिया गया.
नवजात की आवश्यक रिपोर्ट तैयार की गई जिससे पता चला कि बच्चे का डी-डिमर 21000 है. उसके शरीर के कई अंदरूनी अंगों में क्षति पाई गई. रैपिड और आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट में मां और बच्चे निगेटिव पाए गए. लेकिन फिर बच्चे के एंटीबॉडी टेस्ट में वह पॉजिटिव निकला.
डॉक्टर ने बताया कि संक्रमित मां के भीतर बने एंटीबॉडी केवल मां के लिए ही फायदेमंद होते हैं लेकिन जब वह बच्चे में चला जाता है तब उसके लिए नुकसानदायक साबित होता है. इससे बच्चे की किडनी, लिवर और दिल को नुकसान पहुंचता है.