नई दिल्ली : देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव को यह सफाई देने के लिये तलब किया है कि एक गैरपंजीकृत बाल देखभाल संस्थान में कथित गैरकानूनी धर्मांतरण और नाबालिग लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी क्यों हुई.
नाबालिगों के अवैध धर्मांतरण की रिपोर्ट में देरी पर NCPCR ने तमिलनाडु के मुख्यसचिव को तलब किया - बाल अधिकार निकाय
देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव को यह सफाई देने के लिये तलब किया है कि एक गैरपंजीकृत बाल देखभाल संस्थान में कथित गैरकानूनी धर्मांतरण और नाबालिग लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी क्यों हुई.

एनसीपीसीआर
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने नौ सितंबर को संस्थान के बारे में शिकायत तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश को अग्रसरित की थी. एनसीपीसीआर ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव डॉ. वी इराई अन्बू को लिखे पत्र में कहा कि आपके अधिकारियों की तरफ से इस मामले में अब तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है.
आयोग ने उन्हें 20 सितंबर को दोपहर तीन बजे इस मामले में की गई कार्रवाई के विवरण के साथ डिजिटल माध्यम से रिपोर्ट जमा करने में देरी के कारणों की जानकारी देने के लिए कहा.