असमिया और मुसलमानों को बांटना चाहते हैं सीएम हिमंत बिस्वा: बदरुद्दीन अजमल - बदरुद्दीन अजमल
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में सब्जियों की बढ़ी कीमत के लिए 'मिया' मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है. उनके इस बयान की एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने आलोचना की है. पढ़ें पूरी खबर...
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Published : Jul 15, 2023, 7:46 AM IST
गुवाहाटी :असम में एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणी की आलोचना की है. असम के मुख्यमंत्री ने हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में 'मिया' मुस्लिम समुदाय के कारण सब्जियों की कीमत बढ़ गई है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा था कि गुवाहाटी में 80 प्रतिशत बस चालक 'मिया' मुस्लिम समुदाय से हैं. उन्होंने कहा था कि ओला-उबर के 70 प्रतिशत ड्राइवर 'मिया' मुस्लिम समुदाय से हैं.
असम के सीएम ने असमिया लोगों से काम पर आने का आग्रह किया और कहा कि यदि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 200 ड्राइवर बाहर आते हैं, तो गुवाहाटी को साफ किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि असमिया लोग गुवाहाटी में फ्लाईओवर के नीचे सभी सब्जी विक्रेताओं के यहां व्यापार कर सकते हैं. सीएम ने कहा कि गांवों में सब्जियों के दाम कम हैं, लेकिन 'मिया' मुस्लिम समुदाय के लोग दाम बढ़ाकर मुनाफा कमा रहे हैं. सीएम ने यहां तक कहा कि अगर असम के लोग कारोबार करने के लिए बाहर जाएंगे तो गुवाहाटी के सभी फ्लाईओवर और फुटपाथ खाली करा दिए जाएंगे.
एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी की आलोचना की है. उन्होंने सीएम के बयान पर तंज करते हुए कहा कि असम में सरकार हर काम योजना के मुताबिक हो रहा है. उन्होंने कहा कि 'मिया' मुस्लिम समुदाय के कारण सब्जियों के दाम नहीं बढ़े हैं. यह अच्छा है अगर असमिया लोग ये काम करने के लिए आगे आएं. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था उम्मीद से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री को यह कहना शोभा नहीं देता कि वह मुस्लिमों को गुवाहाटी से हटा देंगे.
उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री की टिप्पणी से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के प्रमुख को ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए. वह असमिया और मुसलमानों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसी विभाजनकारी राजनीति के कारण होने वाली किसी भी घटना के लिए सरकार और मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे. यह पूछे जाने पर कि समान नागरिक संहिता को कहां लागू किया जा सकता है, उन्होंने कहा कि इससे देश में बड़ी लड़ाई होगी. उन्होंने असमिया को केवल असमिया के रूप में परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि इन दोनों में किसी को अलग कर के नहीं देख जा सकता.