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Opposition Unity : 9 मई को ओडिशा सीएम से मिलेंगे नीतीश, पटना में महाजुटान से पहले दिखेगा 'नवीन' समीकरण? - ममता बनर्जी

देश में विपक्षी एकता को मजबूती देने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पहल धीरे-धीरे रंग ला रही है. पिछले महीने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर इस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास किया तो वहीं अब उनकी नजर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात को लेकर है. नवीन पटनायक आखिर नीतीश के लिए क्यों अहम हैं ये जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट-

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
Chief Minister Nitish Kumar

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Published : May 6, 2023, 9:16 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के आम चुनावों से पहले गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं. 9 मई को अपने ओडिशा समकक्ष नवीन पटनायक से मिलने वाले हैं. इसे गैर-बीजेपी राजनीतिक दलों के बीच एकता बनाने के अपने प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 मई को ओडिशा जाएंगे और नवीन से मुलाकात करेंगे. बैठक दोपहर 12 बजे भुवनेश्वर में होने की संभावना है. बता दें कि नवीन पटनायक बीजू जनता दल के अध्यक्ष भी हैं.

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कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में महाजुटान: बता दें कि सीएम नीतीश कह चुके हैं कि बिहार में विपक्षी नेताओं की महाजुटान करना चाहते हैं. संभव है कि कर्नाटक चुनाव के बाद ये बड़ी बैठक हो. संभावित तारीख 17 मई, 18 मई और 19 मई को होने वाली बैठक में सभी बड़े विपक्षी दलों की मौजूदगी के सियासी संकेत भी मिलने लगे हैं. सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार ने उद्धव ठाकरे से बात की है. अगले सप्ताह अपनी मुंबई यात्रा के दौरान उद्धव और शरद पवार से मिलेंगे. कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में होने वाले समारोह के लिए पवार और उद्धव को खुद आमंत्रित करने के लिए नीतीश मुंबई भी जाएंगे.

विपक्षी एकजुटता के लिए नीतीश की पहल: हालांकि मीडिया रिपोर्टों ने इसे अगले चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष के बीच एकता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया, लेकिन बैठक के बारे में आधिकारिक जानकारी न तो ओडिशा की ओर से दी गई है और न ही पटना में सीएमओ की तरफ से आई है. बता दें कि नवीन पटनायक की रणनीति एकदम अलग रही है. वो अब तक बीजेपी और कांग्रेस से दूरी बनाकर रखी हुई है. उन्होंने एनडीए या गैर बीजेपी गठबंधन की ओर झुकने से भी परहेज किया हुआ है.

नीतीश ने हाल ही में अंबेडकर जयंती पर कहा था कि- ''बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही मैं विपक्षी एकता के लिए पहल कर रहा हूंं. एनडीए छोड़ने के मेरे फैसले की सभी ने सराहना की. मैं 7 महीने से कॉल का इंतजार कर रहा था और जब उन्होंने (कांग्रेस नेताओं ने) मुझे फोन किया, तो मैं वहां गया और उनसे बातचीत की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी से कोलकाता में और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात किया.''

नवीन पटना की बदलेगी सियासी रणनीति?: नवीन पटनायक ने ममता और नीतीश दोनों को पिछले साल दिसंबर में विश्व कप हॉकी 2023 देखने के लिए ओडिशा आमंत्रित किया था. विशेष रूप से, ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद ने अब तक तीसरे मोर्चे को बनाने के उद्देश्य से सभी बैठकों को छोड़ दिया था. 2019 से केंद्र के हर फैसले, हर मुद्दे पर नवीन पटनायक ने अपना समर्थन दिया है. चर्चा है कि क्या नवीन पटनायक अब नीतीश के निमंत्रण को स्वीकारेंगे? अगर हां तो ये चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव होगा.

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