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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की पंढरपुर के श्री विट्ठल की महापूजा - आषाढ़ी एकादशी उत्सव

महाराष्ट्र के पूज्य देवता पंढरपुर के श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर की आषाढ़ एकादशी के अवसर पर रविवार सुबह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी पत्नी लता शिंदे द्वारा सरकारी महापूजा की गई. सुबह 3 बजकर करीब 10 मिनट पर विट्ठल-रुक्मणी की अधिकारिक महा पूजा संपन्न हुई.

GOVERNMENT MAHA PUJA OF VITTHAL PERFORMED BY CHIEF MINISTER EKNATH SHINDE
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की पंढरपुर के श्री विट्ठल की महापूजा

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Published : Jul 10, 2022, 11:59 AM IST

सोलापुर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी को हर साल आषाढ़ एकादशी पर श्री विट्ठल-रुक्मणी की पूजा की. यह पिछले कई सालों की परंपरा है. तदनुसार, आषाढ़ एकादशी के अवसर पर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी पत्नी लता शिंदे ने महाराष्ट्र के आराध्य देवता पंढरपुर में श्री विट्ठल-रुक्मणी मंदिर में राजकीय पूजा की. सुबह 3 बजकर करीब 10 मिनट पर विट्ठल-रुक्मणी की अधिकारिक महा पूजा संपन्न हुई. अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार एकनाथ शिंदे को महापूजा करने का अवसर मिला. मुख्यमंत्री के साथ-साथ गेवराई (ताल बीड़) की दंपत्ति भी मुख्यमंत्री के साथ शासकीय महापूजा में शामिल हुई. करने को मिला.

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मुख्यमंत्री के साथ-साथ दर्शन पंक्ति में प्रथम वारकरी को भी विट्ठल की पूजा करने का मौका मिलता है. इस वर्ष मुख्यमंत्री के साथ गेवराई (ताल बीड़) के दंपत्ति को मुख्यमंत्री के साथ शासकीय महापूजा का सम्मान मिला. मुरली भगवान नवले (उम्र 52) और जीजाबाई मुरली नवाले (47) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ महा पूजा की. इस मौके पर सांसद श्रीकांत शिंदे और उनकी पत्नी भी मौजूद थे. इसके अलावा, मंदिर समिति के सह-अध्यक्ष एच.बी.पी. गहिनीनाथ महाराज, कलेक्टर मिलिंद शम्भरकर, पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपुते, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप स्वामी सहित विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

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आषाढ़ी वारी पिछले दो वर्षों में कोरोना के कारण नहीं हुई थी. लेकिन इस साल आषाढ़ी वारी बिना किसी रोक-टोक के गुजर रही है. वारी के लिए राज्य के कोने-कोने से करीब 15 लाख श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा है. मंदिर समिति के अनुसार, भगवान विट्ठल को श्रद्धांजलि देने में 8 घंटे से अधिक और भगवान की पूजा करने में 14 घंटे से अधिक समय लगता है. तलमरुडुंगा के गजरात में आषाढ़ी वारी समारोह- सभी वर्ग के संतों के पालकी आषाढ़ी एकादशी उत्सव के लिए शनिवार शाम करीब 7 बजे पंढरपुर पहुंचे, जबकि मुख्यमंत्री भी देर रात पंढरपुर पहुंचे. आषाढ़ी एकादशी पर्व 10 जुलाई रविवार को ताल-मृदंग के उपलक्ष्य में मनाया जाएगा.

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अलंदी और देहू से लाखों वारकरी अब पंढरपुर पहुंच चुके हैं. वारकरी अब चंद्रभागा में स्नान कर नामदेव कदम उठा रहे हैं. विथुरया से मिलने की आशा को ध्यान में रखते हुए ये वारकरी पैदल पंढरपुर पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आषाढ़ी वारी के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद रंजीत सिंह नाइक निंबालकर के माध्यम से वारकरी और विट्ठल भक्तों को शुभकामनाएं भेजी हैं. संत श्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज और संत श्रेष्ठ तुकाराम महाराज के पालकी समारोह के अवसर पर लाखों वारकरी पैदल पंढरपुर पहुंचे. प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि वह आषाढ़ एकादशी की शुभकामनाएं देते हैं.

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