गांधीनगर: गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारी को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था. लेकिन जब पुलिस अधिकारी सुनवाई पर पहुंचे तो वह कोका-कोला पीते नजर आए. इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए बार एसोसिएशन में कोका-कोला के 100 कैन बांटने का आदेश दिया.
दरअसल सुनवाई बेंच में शामिल जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री ने पुलिस अधिकारी को मौजूद रहने का आदेश दिया था. मुकदमा शुरू होते ही पुलिस अधिकारी कोल्ड ड्रिंक पीते हुए देखा गया. वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सुनवाई के दौरान पुलिसकर्मी कोका-कोला पीते नजर आए. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने पूछा यह पुलिस अधिकारी कौन है. पुलिस की ओर से अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता (एजीपी) डीएम देवनानी ने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं, मैं उसे अपना वीडियो बंद करने के लिए कहूंगा.
हालांकि चीफ जस्टिस ने अफसर को यूं ही जाने नहीं दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कैन से पता चलता है कि यह कोका-कोला है. क्या वह एक IPS अधिकारी है? क्या यह एक अधिकारी का काम है? अगर वह फिजिकल कोर्ट में होता तो क्या वह कोका-कोला ला सकता था? मुख्य न्यायाधीश कुमार ने तब एक वकील के बारे में एक घटना सुनाई, जो वर्चुअल कोर्ट के दौरान दौरान समोसा खाते हुए पाया गया था. उन्होंने कहा कि एक बार वकील हमारे सामने समोसा खा रहे थे. हमने कहा कि हमें उसके समोसे खाने से ऐतराज नहीं है लेकिन एक ही बात थी कि वह हमारे सामने समोसा नहीं खा सकते क्योंकि यह सभी को ललचाता है. या तो वे सभी को समोसा दें या फिर सुनवाई के दौरान समोसा न खाएं.