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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य पैरोकार राखी सिंह ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, जानिए क्यों?

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में मुख्य वादिनी राखी सिंह ने अपने चाचा जितेंद्र सिंह बिसेन को एक मैसेज भेजकर इस मामले में एक नया ही मोड़ पैदा कर दिया है. राखी सिंह ने ओपेन खत लिखते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है.

gyanvapi shringar gauri case
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Published : Jun 7, 2023, 7:25 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में रोज कुछ न कुछ नया हो रहा है. अभी 3 दिन पहले ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में मुख्य पैरोकार और मुख्य वादिनी राखी सिंह के चाचा व विश्व वैदिक सनातन संघ के सर्वे सर्वा जितेंद्र सिंह बिसेन ने सभी मुकदमों से अपने आप को पीछे करने का ऐलान किया था. इसके बाद राखी सिंह का भी नाम सभी मुकदमों से वापस लिए जाने की चर्चा होने लगी. इस बीच राखी सिंह ने अपने चाचा जितेंद्र सिंह बिसेन को एक मैसेज भेजकर इस मामले में एक नया ही मोड़ पैदा कर दिया है.

जितेंद्र सिंह बिसेन की तरफ से राखी सिंह द्वारा भेजे गए मैसेज की जानकारी देकर बताया गया है कि राखी सिंह ने इस प्रकरण में उनके साथ हो रहे बर्ताव और मुकदमे की वजह से मानसिक प्रताड़ना दिए जाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बुधवार को ओपेन खत लिखते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है. राखी सिंह ने 9 जून की सुबह 9:00 बजे तक जवाब का इंतजार करने की भी बात कही है. राखी सिंह के चाचा जितेंद्र सिंह बिसेन की तरफ से भेजे गए पत्र में बताया गया है राकेश सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मीडिया के माध्यम से एक खुला पत्र प्रेषित किया है, जिसमें राखी ने लिखा है कि

राष्ट्रपित को लिखा ओपन लेटर.

मीडिया के माध्यम से प्रेषित खुला पत्र

महामहिम राष्ट्रपति जी, भारत गणराज्य.
विषय:- इच्छा मृत्यु हेतु प्रार्थना पत्र.
निवेदन यह है कि, मैं श्रीमती राखी सिंह धर्मपत्नी/श्री इन्द्रजीत सिंह ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी वाराणसी उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मुकदमा नंबर - 18/ 2022 ( 693/ 2021) श्रीमती राखी सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य उक्त मुकदमे की मुख्य वादी हूं. यह है कि मई 2021 से उक्त मुकदमे की मेरी अन्य सहयोगी चार महिला साथियों लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक व अधिवक्ता हरिशंकर जैन उनके पुत्र एडवोकेट विष्णु शंकर जैन व इन लोगों के कुछ अन्य साथियों के द्वारा मई 2021 से लेकर आज तक मेरे व मेरे माता-पिता तुल्य चाचा- चाची श्री जितेन्द्र सिंह विसेन व श्रीमती किरन सिंह के खिलाफ दुष्प्रचार करके हमें और हमारे पूरे परिवार को बदनाम करके समाज की नजरों में गिराने का कार्य किया गया है. उनके इस कुकृत्य में शासन- प्रशासन के भी कई लोग शामिल हैं.

मई 2022 में उक्त लोगों के द्वारा एक झूठा प्रचार पूरे देश में किया गया कि राखी सिंह मुकदमा वापस ले रही हैं, जबकि न तो मेरी तरफ से कोई ऐसी स्टेटमेंट या सूचना जारी हुई न ही उक्त मुकदमे में मेरी तरफ से पैरोकार मेरे चाचा जितेन्द्र सिंह विसेन जी ने मेरी तरफ से कोई सूचना जारी की. उपरोक्त भ्रम पूरे देश में फैलाकर मेरे व मेरे परिवार के खिलाफ सारे हिन्दू समाज को खड़ा कर दिया. जिसके कारण मैं और विसेन जी का पूरा परिवार बहुत ही मानसिक दबाव में आ गये हैं. उपरोक्त लोगों के द्वारा आये दिन हमारे परिवार पर आरोप लगाये जातें हैं और हमें हिन्दू समाज मे गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हमने ये सब बर्दाश्त कर लिया यह सोचकर कि कुछ लोग क्रेडिट लेने व धन बटोरने के लिये यह सब कर रहे हैं.

इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, क्रेडिट कोई भी उद्देश्य ज्ञानवापी बचना हिन्दू पक्ष को मिलना चाहिए किन्तु सहन करने की सारी सीमा समाप्त तब हो गई. जब उपरोक्त चार महिलाओं के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुख्य मुकदमा भगवान आदि विशेश्वर विराजमान द्वारा श्रीमती किरन सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य उपरोक्त मुकदमें को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया, जिसके कारण ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओ को प्राप्त हो सकता था, किंतु अब वह मुसलमानों के पक्ष में चली जायेगी.

राखी सिंह ने चाचा जितेंद्र सिंह बिसेन को मैसेज भेजा.

उपरोक्त घटना के कारण मै कई दिनों से मानसिक दबाव में हूं मुझे लगता है कि यदि मैंने श्रृंगार गौरी का नियमित पूजा का मुकदमा ना डाला होता तो मेरी चार साथी महिलायें वर्चस्व में ना आती और ना ही भगवान आदि विशेश्वर विराजमान का मुकदमा खराब कर पाती मुझे लगता है कि मेरे ही कारण उपरोक्त चार महिलाएं वर्चस्व में आयीं और जिनके कारण ज्ञानवापी का मूल मुकदमा बर्बाद हो गया. इन चार महिलाओं के कारण न केवल सम्पूर्ण सनातन समाज को क्षति पहुंची है. उसी के साथ मेरे व विसेन परिवार के द्वारा किया गया सम्पूर्ण त्याग समर्पण व्यर्थ होता दिख रहा है. ऊपर मुकदमें को खराब करने वाले सभी लोगों के कृत्य से मैं बहुत आहत हूं और स्वयं को माफ नहीं कर पा रही हूं.

अत: आपसे अनुरोध है कि मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करके इस अथाह मानसिक पीड़ा और वेदना से मुक्ति प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करें, ताकि मैं चिर निद्रा में सोकर परम शान्ति को प्राप्त कर सकूं. आपके उत्तर की प्रतीक्षा मैं 9 जून 2023 सुबह 9: बजे तक करूंगी. यदि आपका कोई आदेश नहीं आया तो उसके बाद जो भी निर्णय होगा वो मेरा स्वयं का होगा.

दरअसल, इस तरह की चीजें राखी सिंह के द्वारा क्यों की गई हैं यह सवाल बड़ा है, क्योंकि 3 दिन पहले इस मुकदमे के मुख्य पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने मुकदमा छोड़ने का ऐलान किया था. उनके परिवार में उनकी भतीजी राखी सिंह पत्नी किरण सिंह की तरफ से पूरे देश भर में कुल 171 अलग-अलग मुकदमे दाखिल किए गए हैं. जिसमें दिल्ली के कुतुब मीनार, ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े तमाम मुकदमे हैं. जिसमें जितेंद्र सिंह बिसेन ने सभी मुकदमों से अपना नाम वापस लेने की बात कही थी. वहीं, राखी सिंह और किरण सिंह के वकील शिवम गौड़ ने भी सभी मुकदमों से अपना नाम वापस लेकर उनके मुकदमे न लड़ने की बात कहते हुए बेचैन परिवार पर संपर्क हीनता का आरोप लगाया है. फिलहाल राखी सिंह की तरफ से राष्ट्रपति को लिखा गया यह खुला पत्र जितेंद्र सिंह बिसेन के द्वारा मीडिया तक पहुंचाया गया है.

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