छिंदवाड़ा।मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के चंदनगांव में 3 महीने पहले डाक विभाग में नौकरी करने वाले केसरी नंदन सूर्यवंशी के घर पर बेटी ने जन्म हुआ. परिजनों ने बताया कि सोचा था कुछ ऐसा किया जाए की बेटी के जन्म यादगार बन जाए... इसके बाद दस्तावेज संबंधी खबर उन्हें किसी न्यूज चैनल में सुनी, फिर क्या था उन्होंने पहले इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया, फिर बाद में उन्हें जानकारी लगी कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में सबसे छोटे बच्चे का 28 दस्तावेज बनाने का रिकॉर्ड है. इसके बाद उन्होंने इस रिकार्ड को ब्रेक करने का प्लान बनाया और दस्तावेज बनाना शुरू कर दिया. बिटिया जब 72 दिन की हुई तो उसके 31 दस्तावेज तैयार हुए और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में शरण्या सूर्यवंशी का नाम दर्ज हुआ.
ऐसे आया दस्तावेज बनवाने का ख्याल: शरण्या सूर्यवंशी के दादा गोपाल सूर्यवंशी, पिता केसरी सूर्यवंशी और मां प्रियंका सूर्यवंशी तीनों डाक विभाग में कर्मचारी है. शरण्या के परिजन बताते हैं कि अधिकतर लोग उनके पास खाता खुलवाने से लेकर दूसरे कामों के लिए आते हैं, लेकिन हमेशा वे दस्तावेजों की कमी से जूझते हैं. लोगों को दस्तावेजों के प्रति जागरूक करने और समय रहते कागजी कार्रवाई लोगों को पूरी कर लेना चाहिए का उदाहरण देते हुए उन्होंने अपनी बेटी के लिए दस्तावेज बनाने के लिए सोचा था. परिजनों का कहना है कि आजकल दस्तावेज बनाना आसान हो गया है, ऑनलाइन और ऑफलाइन दस्तावेज बनाए जाते हैं जिससे लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके. इसी उद्देश्य के चलते 72 दिन में बेटी के 31 दस्तावेज उन्होंने लोगों को दस्तावेज तैयार करने के प्रति जागरूक किया है.(Sharanya Suryavanshi in World Record)