छिंदवाड़ा। जीते जी भले ही किसान लोन के लिए बैंक के चक्कर काट कर परेशान हो जाते हैं और उसे कई बार लोन नहीं मिलता, लेकिन छिंदवाड़ा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां किसान की मौत के 3 साल बाद लोन दे दिया गया. अब परिजनों को कर्ज वसूली के लिए लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं. जिसकी शिकायत किसान के परिजनों ने कलेक्टर से की है.
2006 में हुई किसान की मौत 2009 में जारी कर दिया लोन: चौरई तहसील के टूनवाड़ा गांव के रहने वाले रामदयाल वर्मा ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया है कि उसके पिता अजब सिंह वर्मा का निधन 2006 में ही हो चुका है, लेकिन छिंदवाड़ा के स्टेट बैंक द्वारा 2009 में पिता के नाम पर कर्ज लेना बताया जा रहा है. उन्हें इसकी जानकारी बैंक द्वारा जारी की गई. नोटिस के बाद पता चला बैंक ने ₹275000 जमा करने के लिए परिजनों को नोटिस जारी किया है. जबकि उन्होंने कभी कोई कर्ज ही नहीं लिया है. इतना ही नहीं उन्हें इस बैंक के बारे में जानकारी भी नहीं है.
कमलनाथ सरकार के समय बिना कर्ज लिए माफी पत्र: साल 2018 में कमलनाथ सरकार ने किसानों का ₹200000 तक का कर्ज माफ करने के लिए घोषणा की थी. परिजन उस समय चौंक गए थे, जब उनके पास कमलनाथ सरकार द्वारा बैंक की तरफ से 2 लाख रुपए कर्ज माफी का पत्र आया था. तब उन्हें जानकारी लगी कि उनके पिताजी के नाम पर फर्जी तरीके से कर्ज बताया जा रहा है, लेकिन उनका कहना था कि जब हमने कोई कर्ज लिया ही नहीं है तो फिर माफी कैसी.