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तापी : 'हर घर तिरंगा' के लिए कोटवाड़िया समुदाय के लिए लाया खुशहाली, जानें कितना बड़ा मिला ऑर्डर

तापी जिले के छिंदिया नामक एक छोटे से आदिवासी गांव को 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए 5 लाख बांस के डंडे बनाने का आदेश मिला है. एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें यह काम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मुहैया कराया गया है.

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Published : Aug 6, 2022, 7:54 AM IST

तापी (गुजरात) : आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव शुरू हो गया है. इसी के तहत 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान तापी जिले के व्यारा तालुका से केवल 5 किमी दूर छिंदिया गांव के कोटवाड़िया समुदाय के लोगों के लिए वास्तव में फलदायी साबित हुआ है. वे बड़े उत्साह से राष्ट्रीय ध्वज के लिए बांस के डंडे तैयार कर रहे हैं. उन्हें राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए पांच लाख से अधिक बांस की छड़ें बनाने का ऑर्डर मिला है.

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तापी जिले में, जिला विकास अधिकारी डीडी कपाड़िया, जिला ग्राम विकास विभाग के मार्गदर्शन में और पूरी पंचायत प्रणाली ने 'हर घर तिरंगा' के लिए बांस के डंडे तैयार करने के लिए तापी जिले के भीतरी इलाकों में कोटवाड़िया जाति के लोगों के साथ समन्वय किया और फिर छिंदिया गांव के लोगों से बात की. यह गांव वालों के लिए खुशी की बात थी. क्योंकि इतना बड़ा काम उन्हें कभी नहीं मिला था. 'हर घर तिरंगा' अभियान उनके लिए एक बड़े रोजगार के अवसर के रूप में सामने आया. दक्षिण गुजरात में रहने वाली कोटवाड़िया जाति आदिवासी क्षेत्र में सबसे पिछड़ी है. बांस से चीजें बनाने की उनकी कला बहुत प्रसिद्ध है. चाहे वह सजावट की वस्तु हो या घरेलू सामान, उनमें अपनी कल्पना से बांस से नवीन वस्तुओं को बनाने का कौशल होता है. इन गांवों में आज भी पारंपरिक भटिगल संस्कृति की झलक मिलती है.

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उनके द्वारा कृषि कार्यों में उपयोग की जाने वाली कई चीजें बांस से बनाई जाती हैं. इसके अलावा वे टेबल, टोकरियां, बाल्टी, अनाज भरने के लिए टोकरियाँ आदि बनाते हैं. राज्य सरकार उनके कौशल का इस्तेमाल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कर रही है. उनकी बनाई कलात्मक और सजावट की वस्तुओं की सरकार द्वारा विशेष मर्केटिंग की जा रही है. अब, पीएम मोदी के हर घर तिरंगा अभियान के लिए बड़ी मात्रा में बांस के डंडों की आवश्यकता होगी. और इसका फायदा कोटवाड़िया के लोगों को होगा जो विशेष रूप से जो बांस की नक्काशी की कला में कुशल हैं. इससे उन्हें रोजगार भी मिलेगा और उनका उत्साह भी बढ़ेगा.

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