स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में छत्तीसगढ़ को बड़ी उपलब्धि, साफ राज्यों में तीसरे नंबर का मिला अवॉर्ड
Swachh Survekshan 2023 स्वच्छता में छत्तीसगढ़ दिनों दिन एक पायदान ऊपर बढ़ते जा रहा है. इस साल छत्तीसगढ़ के पांच नगरीय निकायों को स्वच्छता के लिए पुरस्कार मिला है. Chhattisgarh third prize
रायपुर:स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को तीसरा पुरस्कार मिला है. सफाई के क्षेत्र में देशभर में तीसरा स्थान मिलना प्रदेश के लिए गौरव की बात है. दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सीएम विष्णुदेव साय व डिप्टी सीएम अरुण साव ने ये अवॉर्ड लिया.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में छत्तीसगढ़ को अवॉर्ड
छत्तीसगढ़ देश में स्वच्छ राज्यों में तीसरा, पाटन को दूसरे नंबर का पुरस्कार: साफ राज्यों में तीसरा स्थान मिलने के साथ ही 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में भी छत्तीसगढ़ ने झंडे गाड़े हैं. दुर्ग जिले के पाटन को कम आबादी वाले क्षेत्रों में सफाई के लिए दूसरा स्थान मिला है. इसके अलावा रायपुर को गार्बेज फ्री सिटी सर्वेक्षण में 5 स्टार रेटिंग मिली. कुम्हारी, महासमुंद और आरंग को भी सफाई के लिए पुरस्कार मिला है. इस अवसर पर नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव बसवराजू एस सहित नगरीय निकायों के मेयर, अधिकारियों के साथ ही स्वच्छता दीदियां भी मौजूद रही.
छत्तीसगढ़ के सौभाग्य की बात है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में तीसरा स्थान मिला है. हम धन्यवाद देना चाहेंगे छत्तीसगढ़वासियों को, हमारे रूरल डेवलपमेंट को, लाखों स्वच्छताकर्मियों को, स्वच्छ मित्रों को जिन्होंने पूरे प्रदेश को स्वच्छ रखा. - विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में 3 लाख से ज्यादा टॉयलेट्स का का निर्माण:छत्तीसगढ़ में पिछले कई सालों में स्वच्छता को लेकर कई काम किए गए. साल 2017 में ओडीएफ राज्य होने का दर्जा हासिल कर चुके प्रदेश में अब तक 3 लाख से ज्यादा टॉयलेट्स का निर्माण किया जा चुका है. मिशन क्लीन के अंतर्गत 11 हजार से ज्यादा स्वच्छता दीदियों को नियुक्त कर गांव और शहरों के हर गली मौहल्ले को साफ करने का काम शुरू किया गया. इससे ना सिर्फ प्रदेश साफ हुआ. महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनी.
कांग्रेसियों ने राम मंदिर निमंत्रण को ठुकराया जनता उन्हें ठुकराएगी: राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के शामिल नहीं होने की बात पर सीएम साय ने कहा "कांग्रेसी दोहरा मापदंड अपनाते हैं. कभी राम के अस्तित्व के सवाल उठाते हैं, कभी सनातनी बनते हैं. इनकी बातों का कोई ठिकाना नहीं है. इन्होंने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराया है तो जनता भी उन्हें ठकराएगी.