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छत्तीसगढ़ में इस पूरे हफ्ते नहीं हो सकेगा सरकारी काम

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Published : Jul 25, 2022, 11:21 AM IST

government employees officers strike in chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आज से एक हफ्ते तक सरकारी दफ्तरों में कामकाज नहीं होगा. लगभग 5 लाख अधिकारियों कर्मचारियों की कलम बंद हड़ताल रहेगी. तीन सूत्रीय मांगों के लेकर कर्मचारी अधिकारी हड़ताल कर रहे हैं.

Chhattisgarh Staff Officers Federation One week strike
छतीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल

रायपुर:छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय कार्यालयों में आज से 31 जुलाई तक कामकाज ठप रहेगा. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की तरफ से 25 से 29 जुलाई तक कलमबंद हड़ताल की जा रही है. इसके बाद 30 जुलाई शनिवार और 31 जुलाई रविवार को अवकाश है. इस तरह पूरे हफ्ते सरकारी दफ्तरों में कामकाज नहीं होगा. (Staff Officers Federation strike in Chhattisgarh )

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ये हैं मांगें:कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की 3 सूत्रीय मांगों में प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग है. दूसरी मांग महंगाई भत्ता और तीसरी मांग गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की है. फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, महासचिव आर. के. रिछारिया, सचिव राजेश चटर्जी, कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रवक्ता बीपी शर्मा, संगठन मंत्री संजय सिंह ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी किया है. 1 जुलाई 2019 से 1 जुलाई 2022 तक स्वीकृत होने वाले महंगाई भत्ता को केन्द्र सरकार के समान देय तिथि से राज्य सरकार के द्वारा प्रभावशील नहीं किया गया है. जिसके कारण कर्मचारी और अधिकारियों को जबरदस्त आर्थिक चपत लगी है.

उन्होंने बताया कि केंद्र शासन ने 1 जनवरी 2019 के 12 % महंगाई भत्ता में 5 फीसदी बढोत्तरी कर 1 जुलाई 2019 से 17 फीसदी घोषित किया था. लेकिन राज्य शासन ने 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता में 5 फीसदी बढ़ोत्तरी किया था. जिसके कारण 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के मासिक वेतन में 5 फीसदी का कटौती हुई है.

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डीए का मुद्दा गरमाया: उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2020 का 4 %, 1 जुलाई 2020 का 3 % और 1 जनवरी 2021 का 3 % कुल 11 % डीए में वृद्धि अथार्त 17% से 28 % की वृद्धि को प्रभावशील किया था. लेकिन राज्य सरकार ने 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक वेतन में 17 % कटौती कर डीए में 5 % का वृद्धि 1 मई 2022 से की है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34 % डीए मिल रहा है. जबकि राज्य में डीए 22 फीसदी है. जोकि 1 मई 22 से प्रभावशील किया गया है. जिसके कारण राज्य के कर्मचारी-अधिकारी के मासिक वेतन में 12 फीसदी की कटौती हो रही है.

गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति के मामले में राज्य सरकार कर्मचारी-अधिकारियों का आर्थिक शोषण कर रही है. उन्होंने बताया कि राज्य में 1/1/2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया था. लेकिन कर्मचारी-अधिकारियों को आज तक छठवें वेतनमान के मूलवेतन पर 10 फीसदी और 7 फीसदी के दर से एचआरए दिया जा रहा है. जबकि केन्द्र में 18 फीसदी और 9 फीसदी है.

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