बिलासपुर: बारिश में डायरिया के साथ ही अब पूरे देश में आई फ्लू ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ में अब तक आई फ्लू के लगभग 20 हजार मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना की ही तरह आई फ्लू के मामलों में दुर्ग नंबर एक पर बना हुआ है. रायपुर दूसरे नंबर पर हैं. बिलासपुर में आई फ्लू के 3000 मरीज है. यहां तेजी से बढ़ते Eye Flu के कारण लोग काला चश्मा खरीदने लगे हैं. गर्मी के दिनों में आम तौर पर 100 से डेढ़ सौ गॉगल्स हर रोज बिकते थे लेकिन इन दिनों कंजेक्टिवाइटिस के फैलाव से जुलाई के महीने में 250 से 300 गॉगल्स हर रोज बिक रहे हैं.
आई फ्लू से काले चश्में की मांग बढ़ी:बिलासपुर में कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा है. यह शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैलने लगा है. लगभग हर चौथा व्यक्ति कंजेक्टिवाइटिस का शिकार हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग आई फ्लू को रोकने लोगों को जागरूक करने के साथ ही जगह जगह कैंप लगाकर जांच कर रहा है. वहीं आई फ्लू के शिकार मरीज और दूसरे लोग इससे बचने के लिए ब्लैक गॉगल पहन रहे हैं. ब्लैक गॉगल की डिमांड बाजार में इस कदर बढ़ गई है कि चश्मा दुकान संचालक इसकी भरपाई पूरी तरह से नहीं कर पा रहे हैं.
चश्मा लगाने से होता है आंखों का प्रोटेक्शन:कंजेक्टिवाइटिस के फैलाव से जहां एक तरफ लोगों में इसका डर देखा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में आंखों के डॉक्टर काला चश्मा लगाने की सलाह देते हैं. बिलासपुर शहर के मशहूर डॉक्टर एलसी मंढरिया ने कहा कि इस समय दोनों मौसम एक साथ हो जा रहा है. बारिश और गर्मी, इसीलिए कंजेक्टिवाइटिस हो रहा है. इस समय कंजेक्टिवाइटिस में वायरल और बैक्टीरियल है और बचाव के लिए खुद को सुरक्षित रखना जरूरी है. जैसे किसी से भी हाथ नहीं मिलाना चाहिए और जिसे कंजेक्टिव वायरस है उसके संपर्क में नहीं आना चाहिए. उसके कपड़े, बिस्तर, टावेल, साबुन इन चीजों को दूर रखना चाहिए. यदि घर में किसी एक को यह वायरस है तो बाकी लोगों को भी इसका असर होता है. इसलिए संक्रमित व्यक्ति को खुद आइसोलेट करके रहे.
काले चश्मे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति की आदत में शुमार है कि वह थोड़ी थोड़ी देर में चेहरे को छूता है या आंखों को हाथों से मलता है. यही वजह है कि यदि संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसके संपर्क में आने से बैक्टीरिया हाथों में आ जाता है और फिर आंखों को छूने से वह संक्रमित कर देता है. इसलिए चश्मे का उपयोग स्वस्थ और इनफेक्टेड व्यक्ति दोनों को करना चाहिए. -डॉ. एलसी मंढरिया, आई स्पेशलिस्ट
जुलाई में ब्लैक गॉगल की भारी डिमांड:ब्लैक गॉगल्स की डिमांड आम तौर पर मार्च-अप्रैल और मई के महीने में रहती थी. लेकिन इस बार आई फ्लू के कारण जुलाई में इसकी रिकॉर्ड बिक्री हो रही है. पिछले 3 सालों में देखा जाए तो तेज धूप की वजह से गर्मी में जितनी डिमांड ब्लैक गॉगल्स की थी उससे कहीं ज्यादा डिमांड जुलाई में हो रही है. ऐसे में दुकानदार ब्लैक गॉगल के लिए कंपनियों से सीधे माल की डिमांड कर रहे हैं. पिछले 3 साल में बिक्री की बात करें तो.
ब्लैक गॉगल की बिक्री
गर्मी में साल 2021 में 3 करोड़ 56 लाख 32000 रुपये की बिक्री हुई थी. साल 2022 में 1 करोड़ 35 लाख 30000 रुपये, साल 2023 में गर्मी में 1 करोड़ 15 लाख 60000 रुपये की बिक्री हुई थी, जबकि जुलाई में दोगुना बिक्री हुई है.
बिलासपुर में है चश्मे का होलसेल मार्केट:शहर में आम चश्मे और गॉगल्स का होलसेल मार्केट है. पूरे प्रदेश के साथ ही देशभर में कई जगहों पर बिलासपुर से चश्मे भेजे जाते हैं. जुलाई के महीने में इस बार गॉगल्स की रिकोर्ड तोड़ बिक्री हुई हैं.ऑप्टिकल संघ के मुताबिक इस महीने 3 करोड़ 56 लाख 45000 रुपये के काले चश्मे बिके हैं.
रायपुर में इतना हुआ कारोबार:जुलाई 2022 में अकेले रायपुर में 5000 काले चश्मे की बिक्री हुई थी, यानी लगभग 7 लाख 50 हजार रुपए का कारोबार हुआ. वहीं जुलाई 2023 में रायपुर में काले चश्मे का कारोबार पांच गुना बढ़ा. 25 हजार चश्मे की बिक्री के साथ लगभग 37 लाख रुपए का कारोबार हुआ है.