रायपुर:छत्तीसगढ़ में चुनावी साल चल रहा है. ऐसे में इस बार का विधानसभा का बजट सत्र कई मायनों में अहम रहा. विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों का सियासी रुख भी साफ दिखाई दिया. कांग्रेस सरकार के खिलाफ अक्सर आक्रामक रूख अख्तियार करने वाले बसपा विधायक केशव चंद्रा इस सत्र में कई मामलों में सरकार का समर्थन करते नजर आए. इतना ही नहीं सत्र समापन के दिन धान खरीदी की सीमा बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद चंद्रा ने सीएम बघेल से मुलाकात कर बधाई भी दी. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के दो विधायक खुलकर भाजपा के साथ नजर आए. ऐसे में बसपा विधायक चंद्रा के सीएम से बढ़ती नजदीकियां और जकांछ के विधायकों के भाजपा का समर्थन करना आगामी चुनाव के लिए काफी मायने रखती है. आइए राजनीतिक जानकर से पूरे मामले को समझते है.
जेसीसीजे विधायक बीजेपी में हो सकते हैं शामिल:वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकर मृगेंद्र पांडेय के मुताबिक "चुनावी समय है. सभी पार्टियां 6 माह के बाद चुनावी मोड़ में उतर जाएंगी. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के कुछ विधायकों को अब इस पार्टी में संभावनाएं नजर नहीं आ रही है. विधानसभा सत्र में जकांछ के विधायक बीजेपी के साथ थे. बीजेपी के मुद्दों को उन्होंने मुखर तरीके से उठाया और गर्भगृह तक गए. उन्होंने एक तरह से बीजेपी के प्रति समर्पण दिखाया है. भाजपा नेता अमित शाह से दो बार मुलाकात का कार्यक्रम भी बना, लेकिन यह कार्यक्रम टल गया. बलौदाबाजार से जेसीसीजे के विधायक प्रमोद शर्मा भी बीजेपी के पाले में दिख रहे हैं. हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है कि मुझे बलौदा बाजार से टिकट दिया जाए, लेकिन भाजपा ने साफ कह दिया है कि अभी किसी की टिकट फाइनल नहीं है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले जकांछ के दोनों विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं."
केशव का झुकाव कांग्रेस की ओर:मृगेंद्र पांडेय कहते हैं कि "इस बार के सत्र में एक नया घटनाक्रम सामने आया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा की तो बसपा के दो बार के विधायक केशव चंद्रा उन्हें बधाई देने पहुंचे. क्योंकि केशव चंद्रा स्थानीय मुद्दों को उठाने के लिए पहचाने जाते हैं. पहले वे अक्सर कांग्रेस की नीतियों पर हमला बोलते थे, लेकिन इस सत्र में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया. उन्होंने तो बीजेपी पर ही हमला बोल दिया और कहा कि क्या भाजपा के 4 विधायक नसदन की कार्रवाई को हाईजैक कर लिए हैं, बाकी 90 विधायकों की बात क्या नहीं सुनी जाएगी. यह चीजें इंडिकेट करती है कि उनका बीजेपी के प्रति रुझान कम है कांग्रेस के प्रति ज्यादा है. केशव चंद्रा अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कांग्रेस के पाले में जा सकते हैं."