दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है. पिंकी सिंह की याचिका पर जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की वेकेशन पीठ ने नोटिस जारी किया है. पिंकी सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे और अधिवक्ता आकाशी लोधी ने पक्ष रखा था.
पीएमएलए के प्रावधानों को दी गई है चुनौती:सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है. हालांकि याचिकाकर्ता नें जांच एजेंसी के खिलाफ कोई कठोर न उठाने की भी मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनावाई 29 मई को होगी.
शराब घोटाले को लेकर अरुण पति त्रिपाठी पर बड़ा खुलासा:ईडी 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले की जांच कर रहा है, जिसमें कई तरह से भ्रष्टाचार किए जाने का दावा किया गया. सीएसएमसीएल की ओर से डिस्टिलरों से बड़े पैमाने पर रिश्वत ली गई. ईडी की जांच में दावा किया गया कि CSMCL के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के कहने पर पूरे छत्तीसगढ़ में शराब व्यवास्था को मनमाने तरीके से चलाया. उसने अपने अन्य सहयोगियों के साथ साजिशन नीतिगत बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिए, ताकि अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके. एक वरिष्ठ आईटीएस अधिकारी और सीएसएमसीएल के एमडी होने के बावजूद राज्य आबकारी विभाग की नीतियों के खिलाफ जाकर बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए सरकारी दुकानों तक का इस्तेमाल किया.