बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर (Chhattisgarh High Court Bilaspur) ने प्रेम प्रसंग के मामले में सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रेम प्रसंग में अगर कोई नाबालिग लड़की अपनी मर्जी से माता पिता को छोड़कर किसी के साथ जाती है तो इस सूरत में यह अपहरण का अपराध नहीं बनता. हाईकोर्ट ने इसी आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत जेल में बंद आरोपी की सजा को निरस्त कर उसे रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि नाबालिग लड़की यदि अपनी मर्जी से प्रेम संबंध के चलते किसी युवक के साथ जाती है तो किडनैपिंग का केस दर्ज नहीं किया जाेगा.
हाईकोर्ट ने बलौदाबाजार कोर्ट का फैसला पलटा: ये मामला बलौदाबाजार के कसडोल इलाके का है. जहां अनिल रात्रे नाम के शख्स को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बलौदाबाजार ने पॉक्सो एक्ट के तहत अपहरण की धाराओं में सजा सुनाई थी. 11 मई 2017 को रात में एक नाबालिग लड़की घर से गायब हो गई थी. केस में 12 मई 2017 को परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. उसके बाद 6 मई 2018 को नाबालिग लड़की को बरामद किया गया. तब तक लड़की ने अनिल रात्रे से शादी कर ली थी और दोनों का तीन महीने का बच्चा भी था. इस केस में युवती ने बयान दिया कि उसका अनिल रात्रे से प्रेम प्रसंग चल रहा था. इसलिए वह उसके साथ चली गई थी.