रायपुर: राज्य सरकार छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट के नाम से छत्तीसगढ़ के वन उत्पादों को बाजारों में उपलब्ध कराती है. राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केंद्र द्वारा 130 से अधिक प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इनमें से 90 प्रोडक्ट महिला स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किए जाते हैं.Chhattisgarh herbal brand gaining popularity
300 प्रतिशत बिक्री में ग्रोथ: छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की 2 साल पहले बिक्री 1.41 करोड़ रुपए की थी. साल 2021 की बिक्री में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. हर्बल प्रोडक्ट बिक्री से 6.34 करोड़ रुपए की बिक्री हुई. ग्रोथ रेट 300 प्रतिशत से ज्यादा है. इस साल हर्बल प्रोडक्ट बिक्री में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री का टारगेट रखा गया है.
महिलाओं को मिल रही आर्थिक मजबूती: छत्तीसगढ़ के जंगलों से आदिवासी महिलाओं द्वारा इकट्ठा किए गए और तैयार किए गए उत्पादों को 'छत्तीसगढ़ हर्बल' ब्रांड के तहत बेचा जाता है. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला ने बताया "राज्य लघु वनोपज संघ के अंतर्गत सैकड़ों आदिवासी परिवार और उनकी महिलाएं लघु वनोपज संग्रहण से सीधे जुड़ी हुई हैं. हम फेडरेशन के माध्यम से 200 करोड़ का लघु वनोपज का संग्रहण महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से करते हैं. इसका सीधा लाभ महिला स्व सहायता समूह को भी मिलता है.''
इतने स्टोर में होती है हर्बल प्रोडक्ट की बिक्री:छत्तीसगढ़ सरकार अपने हर्बल उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से बेचती है. छत्तीसगढ़ में 32 संजीवनी स्टोर,150 से ज्यादा धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर, 30 C-mart के साथ साथ 300 से ज्यादा रिटेल शाप में हर्बल प्रोडक्ट की बिक्री होती है. ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन और फ्लिपकार्ट के माध्यम से भी यह प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध है. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला ने बताया कि ''लगभग 3500 महिला स्व सहायता समूह गांव और हाट बाजारों में विक्रय करती है. 42 हजार सदस्य हैं. 18000 महिला सदस्यों का 1500 सहायता समूह इसके प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का काम करता है. इस प्रकार 60000 महिलाएं प्रसंस्करण और वैल्यूएशन पर काम करती हैं. महिलाओं के द्वारा बनाया गया प्रोडक्ट छत्तीसगढ़ हर्बल के माध्यम से वितरण करते हैं.''