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छत्तीसगढ़ का पहला कैट कैफे, बिल्लियों के साथ बिताइए पूरा दिन - छत्तीसगढ़ का पहला कैट कैफे

खाली समय बिताने या ऑफिस के स्ट्रेस को दूर करने आप भी किसी ना किसी कैफे जरूर गए होंगे. कहीं की चाय अच्छी होगी तो कहीं की कॉफी. आज हम आपको एक अनोखे थीम कैफे (Theme Cafe) के बारे में बताने जा रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के पहले कैट कैफे (Chhattisgarh first cat cafe) की. जी हां राजधानी रायपुर में 'म्याऊं द कैट कैफे' (Meow the Cat Cafe in Raipur) नाम से एक थीम कैफे (Theme Cafe) खुला है. जहां आप अपना पूरा समय यहां की बिल्लियों के साथ बिता सकते हैं. उन्हें अडॉप्ट भी कर सकते हैं.

छत्तीसगढ़ का पहला कैट कैफे
छत्तीसगढ़ का पहला कैट कैफे

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Published : Jun 28, 2021, 5:40 AM IST

रायपुर:पेट लवर्स (pet lovers) के लिए खासतौर पर जो बिल्लियों को पसंद (cat lover) करते हैं उनके लिए ये खबर बेहद खास है. दरअसल राजधानी रायपुर में 'म्याऊं द कैट कैफे' (Meow the Cat Cafe in Raipur) नाम से एक थीम कैफे (Theme Cafe) खुला है, जिसमें आपका स्वागत यहां पाली गईं खास पर्शियन कैट (persian cat raipur) करती हैं. ऐसे में अगर आपका मन कुछ लजीज खाने का हो और साथ में अपने फेवरेट बिल्लियों के साथ वक्त बिताने का है तो ये जगह आपके लिए मुफीद है.

इस कैफे को स्टार्ट-अप (startup cafe) कह सकते हैं, जिसे एक युवा जो कि अभी अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की उन्होंने शुरू किया है. आखिर कहां से आया ये कॉन्सेप्ट और किस तरह शुरू हुई इनकी जर्नी आइए जानते हैं.

छत्तीसगढ़ का पहला कैट कैफे

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देसी बिल्लियों के रेसक्यू से शुरू हुआ सफर

इस कैफे को स्टार्ट करने वाले आदित्य पांडेय अभी CA की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें बचपन से ही बिल्लियों से खास लगाव है, उन्होंने देखा कि शहर में कई बिल्लियां बिना रखरखाव के समय से पहले मर जाती हैं, इन्हें हर तरफ से दुत्कारा जाता है. इससे इनके मन में काफी पीड़ा होती थी. एकदिन इंटरनेट पर उन्होंने जापान के टोकियो में चलाए जाने वाले कैट कैफे (cat cafe japan) के बारे में पढ़ा. यहीं से उनके मन में रायपुर में इस तरह का कैफे खोलने का मन बनाया और साथ ही इसे कैट अडॉप्शन सेंटर (cat adoption center in raipur) और कैट हॉस्टल (Cat Hostel in raipur) के तौर पर डेवलप कर दिया.

कस्टमर के साथ गोद लेने वालों से मिल रहा रिस्पांस

आदित्य ने इस साल मार्च में ही इस कैफे की शुरुआत की. हालांकि उसके कुछ दिन बाद ही कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते कारोबार ठप पड़ गया. अब एक बार फिर से जन जीवन पटरी पर लौट रहा है. इस कम समय में ही यहां से 25 देसी बिल्लियों का अडॉप्शन आ है. इन बिल्लियों को अलग अलग जगह से रेस्क्यू किया गया है. अगर बीमार हालत में थी तो उनका इलाज किया गया. इसके बाद उन्हें अडॉप्शन के इच्छुक लोगों को सौंपा गया है. आदित्य बिल्लियों को किसी को गोद देने से पहले गोद लेने वाले से जरूरी डॉक्यूमेंट भी लेते हैं. ताकि भविष्य में फॉलोअप लिया जा सके. इसके अलावा वे इस कैफे से होने वाली आय का करीब 15 फीसदी पैसा बिल्लियों के खाने-पीने पर खर्च करते हैं.

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स्वाद के साथ मानसिक शांति

'म्याऊं द कैट कैफे' में आने वाले लोगों के मुताबिक रंग-बिरंगी बिल्लियों के बीच कुछ वक्त बिताने के साथ ही फूडिंग का शौक पूरा हो जाता है इसलिए वे यहां आना पसंद कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस कैफे के बारे में जानकर फिलहाल यहां आने वालों में यूथ खासतौर पर लड़कियों और बच्चों की तादाद ज्यादा है.

मुंबई में शुरू हुआ था देश का पहला कैट कैफे

रायपुर में अनोखी थीम पर खोला गया 'म्याऊं द कैट कैफे' छत्तीसगढ़ और सेंट्रल इंडिया का पहला कैफे है. देश का पहला कैट कैफे मुंबई में साल 2018 में शुरू हुआ था. इस कैफे की खास बात ये है कि आप यहां अकेले आएं या दोस्तों के साथ, लैपटॉप लेकर आएं या किताब, आपका सारा ध्यान यहां मौजूद बिल्लियां ले जाएंगी. इंसानों और जानवरों के बीच इस खूबसूरत रिश्ते को देखना हो तो आप इस कैफे में जाने का प्लान कर सकते हैं. यहां आपको हर तरह की सुविधा के साथ बिल्लियों का साथ मिलेगा.

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