सरगुजा: सीतापुर सीट से चुनाव लड़ने के लिए यहां के ग्रामीणों ने अपने गांव के एक जवान को कश्मीर से बुलाया है. जवान बीएसएफ में अपनी सेवा दे रहा था और कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात था. इस जवान को गांव वापस बुलाने के लिए गांव वालों को कई बार फोन करना पड़ा, सैकड़ों चिट्ठी भेजनी पड़ी. गांव की एक युवती ने खून से भी चिट्ठी लिखी. जिसके बाद जवान ने बीएसएफ की नौकरी छोड़ दी और सीतापुर पहुंच गया.
जवान को चुनाव लड़ाने गांव से भेजी 1000 चिट्ठी: सेना की नौकरी छोड़कर सीतापुर के बतौली पहुंचे रामकुमार टोप्पो आदिवासी वर्ग से हैं. वो जम्मू कश्मीर में सीमा पर डयूटी करते हैं. बॉर्डर पर तैनात इस जवान को वापस गांव बुलाने के लिए सीतापुर के युवाओं ने लगभग 1000 से ज्यादा चिट्ठी भेजी. इनमें एक चिट्ठी ऐसी थी जिसे एक युवती ने खून से लिखी थी. इस चिट्ठी को देखने और पढ़ने के बाद रामकुमार टोप्पो खुद को रोक नहीं पाया और गांव पहुंच गया.
हजारों पत्रों के बीच एक बहन का खून से लिखा लेटर आया. उससे हर एक शब्द ऐसा लिखा जो दिल को छूने वाला था. इस परिस्ठिति में भी अगर कोई भाई वापस लौटता तो एक देश का सैनिक कहलाने के लायक नहीं रहता. -रामकुमार टोप्पो
रामकुमार को गांव वालों ने बनाया अपना प्रत्याशी:सोमवार को रामकुमार के साथ हजारों की संख्या में बतौली से सीतापुर तक तिरंगा यात्रा निकालकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए शंखनाद किया गया. क्षेत्र के युवाओं और जनता ने कहा कि तिरंगा यात्रा के माध्यम से सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में रामकुमार को जिताने के लिए हम पुरजोर मेहनत करेंगे. गांव वालों का कहना है कि इस क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए रामकुमार को सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते हैं.