दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

छत्तीसगढ़: शिक्षकों की हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी, छात्र बने गुरुजी

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की हड़ताल (teacher strike in korba) पिछले 15 दिनों से जारी (Teachers on strike in Chhattisgarh) है. हड़ताल से कोरबा में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है. यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप है.

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़

By

Published : Dec 19, 2021, 6:48 AM IST

कोरबा : कोरोना काल ने हर तबके के लोगों को प्रभावित किया है. इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों की शिक्षा-व्यवस्था पर पड़ा. लॉकडाउन से लेकर अब तक बच्चों की शिक्षा व्यवस्था सटीक रूप से सुचारू नहीं हो पाई है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के करीब सवा लाख शिक्षक हड़ताल पर (Chhattisgarh teacher strike) हैं तो कई सामूहिक छुट्टी पर. रायपुर में चल रहे शिक्षकों के आंदोलन के बाद प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है.

सहायक शिक्षकों की नियुक्ति पहली से पांचवीं तक के प्राथमिक स्कूलों में ही होती है. अब इन नौनिहालों को पढ़ाने वाला स्कूल में कोई नहीं है. लेकिन कोरबा जिले के बच्चों ने जब देखा कि स्कूल में शिक्षक (korba teachers on strike) नहीं हैं, तब वो खुद चॉक और डस्टर हाथ में लेकर एक-दूसरे के टीचर बन गए और अपने सहपाठियों को पढ़ाना शुरू कर (Korba students teaching themselves) दिया.

कोरबा में शिक्षकों की हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी

कोरबा ब्लॉक की प्राथमिक स्कूल अंधरीकछार, जहां पहली से पांचवीं तक की कक्षा लिए कुल सात शिक्षकों की नियुक्ति है. लेकिन, वर्तमान में यहां केवल एक शिक्षिका कुंती दुबे ही मौजूद हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान शिक्षिका कुंती दुबे ने बताया कि पांच कक्षाओं के लिए सात शिक्षकों को स्कूल में नियुक्त किया गया है, जिसमें पांच हड़ताल पर हैं जबकि एक मेडिकल लीव पर. स्कूल में केवल मैं बची हूं और पांच कक्षाएं हैं. मैं प्रयास तो करती हूं कि बच्चों को पूरा समय दे पाऊं, लेकिन अकेले पांच कक्षाओं को संभालना नामुमकिन है.

एक कैंपस वाले स्कूल में है थोड़ी राहत

कुछ ऐसे भी स्कूल हैं, जहां एक ही कैंपस में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल की कक्षाएं चलती है. ऐसे स्कूलों में कम शिक्षक रहने पर भी कुछ हद तक ठीक रहता है. हालांकि, अलग-अलग कैंपस वाले स्कूलों में स्थिति बद से बदतर है. लेकिन, ऐसे स्कूलों की संख्या सीमित है. इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने बताया कि जहां स्कूल पूरी तरह से बंद है. वहां वैकल्पिक तौर पर माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. उन्हें प्राथमिक स्कूल में भी अध्यापन का कार्य सौंपा गया है. हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल शासन से इस विषय में कोई भी निर्देश नहीं मिला है.

स्कूलों में बच्चों ने संभाली पढ़ाई की कमान

खासतौर पर जिले के वनांचल क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर है. शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अधिक है, जहां कम से कम एक शिक्षक तो मौजूद हैं ही. स्कूलों में हेडमास्टर हैं, लेकिन एक ऐसा भी स्कूल है जहां शिक्षकों की गैरहाजिरी में बच्चों ने शिक्षा व्यवस्था की कमान खुद संभाली है. पांचवीं और चौथी के बच्चे दूसरी-तीसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वह चॉक और डस्टर लेकर खुद ही शिक्षक बन अपने सहपाठियों और निचली कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने में लगे हुए हैं.

1498 स्कूलों में पढ़ते हैं सवा लाख बच्चे

कोरबा में 1498 सरकारी प्राथमिक शालाएं हैं, जहां 3500 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति है. इनमें से 2200 शिक्षक हड़ताल में शामिल होने रायपुर रवाना हो चुके हैं, जबकि शेष शिक्षक सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. इससे प्राइमरी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गई है. कई स्कूल तो पूरी तरह शिक्षकविहीन हो चुके हैं, जहां बच्चे स्कूल आते हैं और समय पूरा होने पर घर चले जाते हैं. कोरबा जिले के प्राथमिक स्कूलों में करीब एक लाख 25 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं.

शिक्षकों की हड़ताल पर सीएम का बयान

कोरबा की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा फैक्ट फाइल

  • प्राइमरी स्कूल- 1498
  • मिडिल स्कूल- 516
  • कुल सहायक शिक्षकों की संख्या- 3500
  • रायपुर पहुंचे सहायक शिक्षकों की संख्या- 2200
  • प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या- 1.25 लाख

धमतरी में हड़ताल से नाराज अभिभावक

धमतरी जिले के कुरूद सिलौटी के प्रथामिक स्कूलों के शिक्षक इन दिनों अन्य शिक्षकों की तरह हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे स्कूल में पढ़ाई-लिखाई प्रभावित है. इस बात से नाराज कुरूद के ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया. अभिभावकों ने शिक्षकों पर अनिमियता के आरोप भी लगाए. इस तहर के हालात प्रदेश के कई जिलों के हैं.

हड़ताली शिक्षकों पर सीएम का बयान

प्रदेश में जारी सहायक शिक्षक हड़ताल मामले (Assistant teacher strike case) में सीएम भूपेश बघेल ने नाराजगी जाहिर की है. मुंगेली में सीएम बघेल ने कहा कि बातचीत से हर मामले का रास्ता निकलता है. कोरोना काल में वैसे ही स्कूल एक-डेढ़ साल से बंद थे. ऐसे में शिक्षकों का हड़ताल करना क्या उचित लगता है. सीएम भूपेश बघेल ने तल्ख लहजे में कहा कि क्या सहायक शिक्षकों के हड़ताल करने से समस्या का हल हो जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details