दिल्ली

delhi

सूर्य को पहला अर्घ्य आज, जानें शुभ मुहूर्त, कल सूर्योदय का यह रहेगा समय

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 19, 2023, 6:02 AM IST

Updated : Nov 19, 2023, 7:57 AM IST

Chhath Puja 2023: छठव्रतियों ने शनिवार को घरों में खरना करके प्रसाद ग्रहण कर व्रत शुरू किया. छठ महापर्व का समापन सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा. तीसरे दिन आज अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को शाम में पहला अर्घ्य दिया जाएगा. जानें शुभ मुहूर्त और सूर्यास्त का समय.

सूर्य को पहला अर्घ्य आज
सूर्य को पहला अर्घ्य आज

देखें वीडियो

पटना:छठ महापर्व के तीसरे दिन आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. शाम में सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार सूर्य षष्ठी यानी कि छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए संध्या अर्घ्य देने से प्रत्यूषा को अर्घ्य प्राप्त होता है. मान्यता है कि प्रत्यूषा को अर्घ्य देने से इसका लाभ अधिक होता है.

अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य आज: खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो चुका है. आज शाम को व्रती बांस से बने दउरा में ठेकुआ, ईख, फल समेत अन्य प्रसाद लेकर नदी,तालाब या अन्य जलाशयों में जाकर शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं.

ईटीवी भारत GFX

यश,धन और वैभव की प्राप्ति:मान्यता यह भी है कि सूर्य को संध्या अर्घ्य देने से जीवन में तेज बना रहता है और यश,धन,वैभव की प्राप्ति होती है. शाम को डूबते हुए सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया जाता है. इसलिए इसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है. इसके बाद विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है.

ईटीवी भारत GFX

छठव्रतियों का आशीर्वाद जरूरी: शाम को अर्घ्य देने के लिए छठ व्रती पूरे परिवार के साथ घाटों की ओर रवाना होंगे. इस दौरान व्रती पूरे रास्ते दंडवत करते जाते हैं. सूर्य देव को पूरे रास्ते नमन किया जाता है और किसी भी तरह की गलती या भूल चूक के लिए माफी मांगी जाती है. छठव्रती को इन चार दिनों के अनुष्ठान में साक्षात सूर्यदेव का रूप माना जाता है. यही वजह है कि छठव्रती का आशीर्वाद लेना बहुत शुभ माना जाता है.

ईटीवी भारत GFX

अर्घ्य देने की विधि: अर्घ्य देने के लिए शाम के समय सूप और बांस की टोकरियों में ठेकुआ, चावल के लड्डू और फल ले जाया जाता है. पूजा के सूप को खूबसूरत तरीके से सजाना चाहिए . कलश में जल और दूध भरकर इसी से सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दें. सूप में सारी पूजा की सामग्री रखकर छठी मईया को अर्पित करना चाहिए. सूर्य की तरफ देखते हुए ध्यान करके दूध और जल अर्पित करना चाहिए.

संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त:19 नवंबर यानी कि आज भगवान सूर्य को संध्या में अर्घ्य देने की तैयारी में व्रती जुटे हैं. इस दिन सभी लोग अर्घ्य अर्पित करने के लिए घाटों में पहुंचते हैं. आज सूर्यास्त का समय शाम पांच बजकर छब्बीस मिनट (05:26 बजे) पर होगा. वहीं आखिरी दिन कल उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सुबह छह बजकर सैंतालीस मिनट (06:47 बजे) पर सूर्योदय का समय है.

इसे भी पढ़ें-

जानें क्यों बंद कमरे में व्रती करते हैं खरना, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

छठी मईया के गीत से गूंजा बिहार, भोजपुरी सिंगर कल्पना पटवारी की सुरीली आवाज का छाया जादू

बिहार के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है बेलाउर छठ घाट, यहां मनोकामना सिक्का है महत्वपूर्ण

Last Updated : Nov 19, 2023, 7:57 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details