पटना:बिहार में उदयीमान और अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा करने की सदियों पुरानी परंपरा आज भी कायम है. दीपावली के ठीक अगले दिन से ही पूरे बिहार में छठ महापर्व की आहट सुनाई देने लगती है. महिलाओं में इस पर्व के प्रति विशेष आस्था और प्रेम साफ झलकता है. इस महापर्व के दौरान बिहार के लगभग हर घर में वातावरण भक्तिमय रहता है.
17 नवंबर से नहाय खाय के साथ छठ की शुरुआत: भगवान सूर्य की उपासना का पर्व छठ शुक्रवार 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू होगा. नहाय-खाय के मौके पर व्रती महिलाएं स्नान और पूजन-अर्चना के बाद कद्दू और चावल के बने प्रसाद को ग्रहण करती हैं और खाने में सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है. इसके अगले दिन खरना के साथ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा.
सभी मनोकामना पूरी करती हैं छठी मइया: आस्था का महापर्व छठ नियम और निष्ठा से किया जाता है. भक्ति-भाव से किए गए इस व्रत द्वारा निसंतान को संतान सुख मिलता है. इसे करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहता है. सूर्योपासना का यह लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है.
दूसरे दिन खरना:नहाय-खाय के दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन व्रती दिनभर उपवास कर शाम को स्नान कर विधि विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद तैयार करती हैं और भगवान भास्कर की आराधना कर प्रसाद ग्रहण करती हैं. इस पूजा को खरना कहा जाता है. 18 नवंबर शनिवार को खरना है.
तीसरे दिन शाम का अर्घ्य:खरना के अगले दिन उपवास रखकर शाम को व्रती बांस से बने दउरा में ठेकुआ, फल,ईख समेत अन्य प्रसाद लेकर नदी, तालाब या अन्य जलाशयों में जाकर शाम के समय अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देती हैं.
चौथे दिन उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य:चौथे दिन व्रतियां सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं. उसके बाद घर वापस लौटकर अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करती हैं, यानी व्रत तोड़ती हैं. इसके साथ ही 36 घंटे के कठिन पर्व का समापन हो जाता है.
छठ पूजा के नियम जानें:छठ पूजा के दौरान व्रती को चार दिनों तक जमीन पर सोना चाहिए. कंबल या फिर चटाई का प्रयोग करना शुभ माना जाता है. छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए. छठी मइया को साफ-सफाई और नियमों का पालन करके ही खुश किया जा सकता है. थोड़ी सी भी लापरवाही से माता नाराज हो जाती हैं.