छतरपुर.मध्यप्रदेश के छतरपुर में बुधवार को कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान एक युवती ने आत्महत्या की कोशिश की. वह जन सुनवाई के दौरान अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, जिसे सुनने के बाद कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में जब तक तुम्हारे परिजन आगे नहीं आते प्रशासन कुछ नहीं कर सकता. इतना सुनते ही युवती ने कलेक्टर के सामने ही ब्लेड से अपने हाथ की नस काट लिया. इस घटना के बाद जनसुनवाई में हड़कंप मच गया. युवती को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
न्याय की आस में उठाया खतरनाक कदम:प्रशासन के मिली जानकारी के अनुसार, हाथ की नस काटने वाली युवती का नाम सविता द्विवेदी है. वह पिछले कई महीनों से अपनी पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान थी. इसे लेकर वह कई बार जिला प्रशासन के कई अधिकारियों और एसडीएम से भी मिल चुकी है और आवेदन भी दे चुकी है. कार्रवाई नहीं होने के बाद युवती कलेक्टर संदीप जीआर की जन सुनवाई में पहुंची थी. यहां कलेक्टर ने उसकी समस्या को पारिवारिक मामला बताते हुए मदद से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले में तुम्हारे मां और भाई आगे नहीं आते, प्रशासन किसी तरह की मदद नहीं कर सकता. युवती की बातें सुनने के बाद कलेक्टर ने उसे काउंसलर के पास भेजने की बात कही, जिससे सविता गुस्सा गई. उसने कलेक्टर के सामने ही अपना आवेदन फाड़ते हुए ब्लेट से हाथ की नस काट ली. जिसके बाद आनन फानन में युवती को अस्पताल भेजा गया.
इस बात को लेकर है परिवार में विवाद:सविता के मुताबिक, उसका परिवार छतरपुर जिले के बारीगढ़ का रहने वाला है. उसके पिता जी सरकारी नौकरी में थे. परिवार में उसकी मां, तीन बहने और एक भाई है. कुछ दिन पहले पिता की मौत हो गई थी. पिता की मौत के बाद उनका फंड और पेंशन सब कुछ मां के पास ही आता है. कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंची सविता का आरोप है कि उसकी मां अंजू द्विवेदी ने तीनो बहनों के भरण पोषण से मना कर दिया है. सविता का कहना है कि मां के मना करने के बाद अब हम लोग कहां जाएं, हमारा भरण पोषण कैसे होगा. इसी संबंध में वह पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन से गुहार लगा रही है, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नही की.