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Published : Jun 23, 2022, 10:01 AM IST

Updated : Jun 23, 2022, 1:06 PM IST

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तमिलनाडु : एकल नेतृत्व के मुद्दे पर AIADMK की आम परिषद की बैठक आज

अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के समर्थक गुरुवार सुबह चेन्नई के वनगरम में श्रीवारु वेंकटचलपति पैलेस के बाहर पार्टी की आम परिषद की बैठक से पहले पार्टी कार्यकर्ता भारी संख्या में इकट्ठा हो गए. इसको देखते हुए तमिलनाडु पुलिस ने आम परिषद की बैठक स्थल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है.

लानीस्वामी के समर्थक उनके आवास के बाहर
लानीस्वामी के समर्थक उनके आवास के बाहर

चेन्नई : अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के समर्थक गुरुवार सुबह चेन्नई के वनगरम में श्रीवारु वेंकटचलपति पैलेस के बाहर पार्टी की आम परिषद की बैठक से पहले भारी संख्या में इकट्ठा हो गए हैं, अन्नाद्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व सीएम एडप्पादी के पलानीस्वामी के समर्थक उनके आवास के बाहर जमा हो गए जब वह पार्टी की आम परिषद की बैठक के लिए रवाना हो रहे थे. श्रीवारु वेंकटचलपति पैलेस के बाहर भारी तमिलनाडु पुलिस की तैनाती देखी गई क्योंकि AIADMK आम परिषद की बैठक होनी है.

इससे पहले बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जिसका उद्देश्य उपनियमों में संशोधन कर एकल नेतृत्व के लिए मार्ग प्रशस्त करना है. ओ पनीरसेल्वम का इरादा पार्टी में दोहरा नेतृत्व प्रारूप जारी रखने का है. कोर्ट ने कहा कि वह ऐसे मामलों में दखल नहीं दे सकता. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के सह-समन्वयक एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) और उनके पूर्व डिप्टी सीएम और समन्वयक ओ पन्नीरसेवेलम (ओपीएस) के बीच में एकल नेतृत्व पर तकरार जारी है क्योंकि दोनों खेमों समझौते के लिए कतई तैयार नहीं है.

पलानीस्वामी पार्टी में एकल नेतृत्व के पक्ष में हैं और उनका खेमा 23 जून की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित कराना चाहता है जबकि पन्नीरसेवेलम का दावा है कि पार्टी उप-नियम के अनुसार आम सभा उनके हस्ताक्षर के बिना प्रस्ताव पारित नहीं कर सकती है. साल 2016 में जयललिता के निधन के बाद पार्टी ईपीएस के साथ सह-समन्वयक और ओपीएस समन्वयक के रूप में दोहरे नेतृत्व के फार्मूले का पालन कर रही है. 14 जून को जिला सचिव की बैठक के बाद से पार्टी में एकल नेतृत्व के लिए आवाजें बुलंद होने लगी. दोनों गुटों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत की परंतु वार्ता असफल रही. ओपीएस ने ईपीएस को एक पत्र भी लिखा जिसमें पार्टी में "भ्रमित स्थिति" का हवाला देते हुए आम सभा की बैठक स्थगित करने की मांग की जिसे अन्नाद्रमुक के सह-समन्वयक ने खारिज कर दिया.

ओपीएस की तुलना में ईपीएस को बड़ी संख्या में पार्टी विधायकों और जिला सचिवों का समर्थन प्राप्त है. इस राजनीतिक ड्रामे के बीच लंबे समय से ओपीएस के वफादार भी ईपीएस खेमे में शामिल हो गए हैं. मंगलवार को तिरुवल्लूर के जिला सचिव अलेक्जेंडर और पुडुचेरी के राज्य सचिव अंबालागन ने ईपीएस को अपना समर्थन दिया. अंबालागन ने कहा कि एआईएडीएमके के सह-समन्वयक पलानीस्वामी को 23 जून को आम परिषद की बैठक में अन्नाद्रमुक महासचिव के रूप में चुना जाएगा. पन्नीरसेवेलम के लिए हमारे मन में सम्मान है लेकिन उन्हें पार्टी के कैडरों को समझना चाहिए. लेकिन ओपीएस खेमे का व्यवहार डीएमके बी टीम की तरह है. एआईएडीएमके के लिए एकल नेतृत्व की जरूरत है.

बता दें कि इससे पूर्व सोमवार को अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने आम सभा की बैठक के लिए चेन्नई के वनगरम में एक निजी हॉल में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. इन नेताओं में अन्नाद्रमुक पार्टी के उप समन्वयक केपी मुनुस्वामी, पूर्व मंत्री सीवी षणमुगम, थंगमणि, वेलुमणि, आरपी उदयकुमार, डिंडीगुल श्रीनिवासन, सेनकोट्टैयन, विजयभास्कर, बेंजामिन, तलवई सुंदरम, अन्नाद्रमुक के उप महा समन्वयक सेलूर राजू, कदमपुर राजू, नाथम विश्वनाथन और कामराज शामिल थे. पिछले हफ्ते, ओपीएस और ईपीएस के बीच अन्नाद्रमुक में एकल नेता के मुद्दे पर विवाद के बीच, ओपीएस ने यहां पार्टी कार्यालय में अपने समर्थकों और जिला सचिवों के साथ एक "व्यक्तिगत बैठक" की थी.

यह भी पढ़ें-तमिलनाडु: अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक से पहले गतिरोध

एएनआई

Last Updated : Jun 23, 2022, 1:06 PM IST

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