छतरपुर :मध्य प्रदेश में हीरों के लिए हरियाली को हलाल करने की तैयारी है. छतरपुर के बक्सवाहा के जंगलों में टिंबरलाइट चट्टानों से हीरा मिलेगा. इसी हीरे की खोज के लिए लगभग 383 एकड़ हरे भरे जंगल को काटा जाएगा. हरे भरे पेड़ों की बलि ली जाएगी. इसके बाद मिलेंगे 3.42 करोड़ के हीरे.
सरकार एक कंपनी को हीरा उत्खनन करने के लिए 50 साल की लिए जंगल की जमीन लीज पर दे रही है लेकिन बक्सबाहा के लोग पर्यावरण प्रेमी, समाजसेवी, सेलेब्रिटी भी इस प्राकृतिक जंगल को कटने से बचाने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ रहे हैं. हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. इसके अलावा हजारों परिवारों के भरण पोषण की व्यवस्था करने वाले जगंल को कटने से बचाने के लिए स्थानीय लोग जान देने तक को तैयार हैं.
बढ़ रहा है विरोध
हीरे के तलाश के लिए बक्सबाहा के जंगलों को काटने को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत से पर्यावरण प्रेमी बक्सवाहा के जंगलों को काटे जाने का विरोध कर रहे हैं. बक्सवाहा जंगल बचाओ अभियान में कई प्रसिद्ध समाजसेवी और कई सेलिब्रिटी भी मैदान में उतर आए हैं.
इसके अलावा कई एनजीओ और पर्यावरण प्रेमी इन जंगलों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन शुरू करने का भी मन बना चुके हैं. वहीं स्थानीय लोग भी जंगल काटे जाने के विरोध में हैं उनका कहना है कि जंगल न रहने से पहले से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड के इस इलाके में पानी की भीषण समस्या पैदा हो जाएगी साथ ही हजारों लोग जिनका जंगल की लकड़ी, फूल फल से जीवन चलता है वे बेरोजगार हो जाएंगे.
काटे जाने हैं 3 लाख से ज्यादा पेड़
बक्सवाहा के जंगल से हीरा निकालने के लिए लगभग 382.131 हेक्टेयर जंगल काटा जाएगा. जिसमें 2 लाख से ज्यादा पेड़ों को काटा जाएगा. इन पेड़ों में लगभग 50 हजार पेड़ सागौन के, इसके अलावा केम,पीपल,तेंदू,जामुन,बहेड़ा,अर्जुन, एवं पलाश जैसे औषधीय गुण वाले पेड़ भी शामिल हैं. इसके अलावा लाखों की तादाद में दूसरे छोटे-बड़े पेड भी काटे जाएंगे.
छतरपुर के बक्सवाहा के जंगलों में देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार मिलना बताया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रदेश के ही जानमाने हीरा भंडार पन्ना के मुकाबले 15 गुना ज्यादा हीरे मिलेंगे. यहां मिलने वाले हीरे की क्वालिटी पन्ना में मिलने वाले हीरे से बेहतर बताई जा रही है. हीरा खुदाई का काम एक निजी कंपनी को दिया जा रहा है. 50 साल के लिए इस जंगल को लीज पर दिया जा रहा है. जंगल में 62.64 हेक्टेयर क्षेत्र को हीरा निकालने के लिए चिन्हित किया गया है.
- बक्सवाहा में डायमंड प्रोजेक्ट को लेकर लगभग 20 साल पहले सर्वे किया गया था.
- 2 साल पहले डायमंड खुदाई के लिए राज्य सरकार ने नीलामी बोली लगवाई थी.
- नीलामी में आदित्य बिरला ग्रुप ने सबसे ज्यादा बोली लगाई थी.
- अब जंगल लीज पर दिए जाने के बाद कंपनी यहां मिलने वाली टिंबरलाइट की चट्टानों से हीरा निकालेगी.
- इप प्रोजेक्ट पर आदित्य बिड़ला ग्रुप 2500 करोड रुपए खर्च करेगा.
- इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टिंटो यहां खनन का काम करती थी, लेकिन साल 2017 में रियो टिंटो ने यहां पर काम करने से इंकार कर दिया था