लखनऊ : प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा करके लखनऊ से देवरिया जेल ले जाकर मारपीट कर करोड़ों रुपए की संपत्ति अपने नाम करवाने के मामले में माफिया अतीक अहमद व उसके पुत्र उमर अहमद समेत 17 आरोपियों पर सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने आरोप तय कर दिया है. अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह आगामी 20 अप्रैल को मामले में गवाह पेश करे.
प्रॉपर्टी डीलर को अगवा करने का मामला, अतीक अहमद व बेटे उमर पर आरोप तय - Property dealer kidnapping case
माफिया अतीक अहमद और बेटे उमर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा करके लखनऊ से देवरिया जेल ले जाकर मारपीट करने के मामले में अतीक अहमद व अन्य अभियुक्तों पर आरोप तय हो गये हैं.
अदालत ने इस मामले में आरोपी अतीक अहमद पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरोप तय किए, जबकि उसके पुत्र मोहम्मद उमर, गुलाम सरवर, जफरुल्लाह मुख्तार, मुख्तार आलमगीर, वलाकत अली अंसारी, मोहम्मद आमिर कुरेशी, मोहम्मद हमजा, जकी अहमद, मोहम्मद फारुख व गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी को जेल से लाकर अदालत में पेश किया गया. जमानत पर चल रहे पवन कुमार सिंह, नितेश मिश्रा, योगेश कुमार, इरफान, दयानंद व महेंद्र कुमार सिंह व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर थे. इस मामले में अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147, 149, 386, 329, 420, 467, 468, 471, 394, 506, 364ए, 411 व 120-बी में आरोप पत्र दाखिल हुआ था.
29 दिसंबर, 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गाे के जरिए गोमती नगर से उसका अपहरण करा लिया, तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया. आरोप है कि अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा. उसने इंकार कर दिया, इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राॅड से बेतहाशा पीटा और स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली. अतीक के गुर्गों ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली.
विवेचना के दौरान पुलिस ने अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था. 12 जून, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी. सीबीआई ने विवेचना के दौरान चार पूरक आरोप पत्र में मो. उमर समेत 10 अभियुक्तों को आरोपी बनाया.
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