चंडीगढ़/नई दिल्ली :दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्य के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस मौके पर सुनील जाखड़, नवजोत सिंह सिद्धू समेत तमाम नेता मौजूद रहे.
चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा कांग्रेस नेता सुखजिंदर एस रंधावा और ओपी सोनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली. जानाकारी के मुताबिक पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अभी-अभी राजभवन पहुंचे हैं.
पंजाब के पहले दलित सीएम बने चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब में कांग्रेस के भीतर लंबे समय तक चली तनातनी और अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया था. 58 वर्षीय चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य का मुख्यमंत्री बने हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब के सीएम बनने पर चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई दी है. ट्वीट करते हुए पीएम ने लिखा कि पंजाब के लोगों की भलाई के लिए पंजाब सरकार के साथ काम करना जारी रखेगी.
बता दें, विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चन्नी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह, मनीष तिवारी तथा कई अन्य पार्टी नेताओं ने चन्नी को बधाई दी. अमरिंदर सिंह ने उम्मीद जताई कि वह सीमान्त राज्य पंजाब और लोगों की सुरक्षा कर सकेंगे.
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की. वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे.
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में है. प्रदेश में 30 प्रतिशत से अधिक दलित आबादी है. कांग्रेस का यह कदम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि भाजपा ने पहले कहा था कि पंजाब में उसकी सरकार बनने पर दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. बसपा के साथ गठबंधन करने वाले शिरोमणि अकाली दल ने दलित उप मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है. आम आदमी पार्टी भी दलित समुदाय को लुभाने के लिए लगातार प्रयासरत है.
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया.
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इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर पीड़ा व्यक्त की और इस बात को लेकर चिंता जताई कि इन घटनाक्रमों से राज्य में अस्थिरता आ सकती है.
पीटीआई-भाषा