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Chapra Mob lynching: सुलगता छपरा का मुबारकपुर.. एक्शन ताबड़तोड़.. 'जंगलराज रिटर्न्स' तक पहुंची बात

बिहार के छपरा में तनाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि पुलिस ने पूरे मामले को काबू में कर लिया है. लेकिन, सियासत अब भी सुलग रही है. एहतियातन छपरा में 144 धारा लागू (Section 144 imposed in Chapra) कर दी गई है. घायलों को देखने के लिए लोग पटना के रूबल अस्पताल पहुंचकर नीतीश सरकार पर हमला कर रहे हैं. बीजेपी इस पूरी वारदात को जंगलराज रिटर्न्स करार दे रही है. 4 दिन में अब तक क्या क्या हुआ जानने के लिए पढ़िए Chapra Crime News .

Chapra Mob lynching Etv Bharat
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Published : Feb 6, 2023, 6:29 PM IST

बिहार के छपरा में तनाव, काबू में हालात

छपरा : बिहार के छपरा का मुबारकपुर गांव जहां एक टोला धू-धू कर जल रहा था. गुरुवार 2 फरवरी की शाम बंद कमरे में तीन युवकों की मुखिया पति और उसके समर्थकों ने पिटाई कर दी. बेरहमी से मारपीट के चलते एक युवक की मौत हो गई जबकि 2 युवक गंभीर रूप से घायल हैं. युवक की मौत पर दूसरे टोले के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हमलावरों ने मुबारकपुर गांव के एक टोले के कई घरों को फूंक दिया.

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4 किलोमीटर का दायरा सील: घर के बाहर खड़ी साइकिल, ट्रैक्टर, ट्रक जो कुछ भी मिला जलाते जा रहे थे. पूरे गांव में दहशत का माहौल था. घर का अनाज तक मिट्टी में मिला दिया गया. चारों तरफ चीख पुकार मची हुई थी. आधे गांव के पुरुष फरार हो चुके थे. जो बचे थे वो आग बुझाने में जुट गए. पूरा गांव वीरान बन गया था. गांव में पुलिस भी डेरा डाल चुकी थी. तब तक पूरा मामला शांत हो गया. स्थिति को कंट्रोल करने के लिए इलाके में धारा 144 लगा दी (Section 144 imposed in Saran ) गई. 4 किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया गया. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें.

8 फरवरी तक सोशल साइट्स बैन: सारण में सोमवार से लेकर 8 तारीख की रात 11:00 बजे तक फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप समेत अन्य सोशल साइट्स को बैन कर दिया गया है. इसकी जानकारी सरकार ने जिले के अफसरों को दिया है. साथ ही सख्ती बनाए रखने के निर्देश भी दिये गए हैं. एजीडी सुशील खोपड़े भी मुबारकपुर गांव पहुंचे जहां उन्होंने उपद्रवियों को सख्त संदेश दिया.

''जो दोषी है उसपर कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. पटना में भी घायलों का फर्द बयान दर्ज कराया गया है. उस बयान को भी अटैच कराया जाएगा. इस मामले पर कानून अपना काम कर रहा है.''-एडीजी सुशील खोपड़े

3 FIR दर्ज, अब तक 6 को दबोचा : पुलिस तब से लगातार एक्शन में है. अब तक कुल 6 लोगों को दबोचा जा चुका है. इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं. पहले FIR में 5 नामजद अभियुक्त के साथ 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. वहीं दूसरे FIR में तीन लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा चुकी है. तीसरी FIR सोशल मीडिया में मुद्दे को भड़काने के लेकर की गई है. स्थानीय पुलिस फरार चल रहे अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.

''कुछ लोगों द्वारा माहौल बिगाड़ने के लिए अफवाह फैलाई जा रही है. ऐसे अफवाह फैलाने वालों पर निगरानी रखी जा रही है. इन लोगों के ऊपर कठोर कार्रवाई की जाएगी. आगे भी अगर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिश की जाएगी तो नामजद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.''- जितेन्द्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय

गांव में पुलिस कर रही कैंप, SIT का गठन: छपरा पुलिस अधीक्षक ने भी घटनास्थल की जांच की है. थाना के संबध में दी गई शिकायतों के संबंध में जांच का आदेश दिया. स्थानीय लोगों की शिकायत की निष्पक्ष जांच के लिए वर्तमान थाना प्रभारी देवानंद को निलंबित किया जा चुका है. त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सोनपुर (SDOP Sonepur) के नेतृत्व में SIT का भी गठन किया गया है.

छपरा कांड पर धधकी सियासत : दरअसल, मांझी में बवाल और पिटाई से जख्मी दो युवकों को पटना के रूबन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दोनों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नीरज बबलू ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और उसका हालचाल जाना. मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'बिहार में जंगल राज रिटर्न्स' (Jungle Raj returns in Bihar) हो गया है. बीजेपी ने इस वारदात की तुलना 1990 के दशक से की है.

''आज बिहार 90 के दशक में चला गया है. 1990 से 2005 तक बिहार की जो स्थिति थी, पूरा बिहार दहशत में था. आतंक का वातावरण था. हत्या, लूट, डकैती, अपहरण की घटनाए थी, कोई भी व्यक्ति तब सुरक्षित नहीं था. जाति-जाति में लड़ाया जाता था. तब प्रशासन मूक दर्शक बना रहता था. विभेद पैदा करके. आज भी बिहार में वही स्थिति बन गई है. जातीय उन्माद पैदा करना और उसका लाभ सत्ता के लिए प्राप्त करना'' - प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

आनंद मोहन के बेटे चेतन भी घायलों से मिले: बिहार के बाहुबली चेतन आनंद के बेटे और आरजेडी एमएलए चेतन आनंद सिंह ने भी पटना के रूबन अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. उन्होंने परिवार को ठांढस बंधाते हुए प्रशासनिक अफसरों को आरोपियों को गिरफ्तारी की मांग की.

छपरा मॉब लिंचिंग केस में बोले नीतीश: वहीं बांका में समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि- 'हमारे अधिकारी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. एक एक चीज अफसर देख रहे हैं.'

क्या है पूरा मामला?: गौरतलब है कि 2 फरवरी को एक मुखिया पति विजय यादव पर फायरिंग हुई थी. जिसके बाद मुखिया पति और उनके समर्थकों ने तीन युवकों को पकड़ा था जहां कमरे में बंद कर तीनों की बेरहमी से पिटाई कर दी थी. इस वारदात में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं, दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गये. घायलों को पटना के रूबल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

भड़की बदले की आग: युवक की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने बदले की आग में आरोपी मुखिया के घर में आग लगा दी थी. इस वारदात के बाद से गांव में माहौल तनावपूर्ण है. इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. गांव में धारा 144 लगाई गई है. किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए रिजर्व पुलिस की बटालियन को भी तैनात किया गया है.

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