दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

परिवार में 45 साल बाद हुई बेटी तो झूमे परिजन, अस्पताल से डोली में बिठाकर लाई गई घर

सारण जिले के एकमा में एक परिवार में 45 वर्षों के बाद बिटिया ने जन्म लिया (Daughter born after 45 years in family) तो परिवार वाले उसे अस्पताल से पालकी में रखकर गाजे- बाजे के साथ घर ले आए. नवजात को उनलोगों ने लक्ष्मी का स्वरूप (newborn baby form of Lakshmi) बताया. एकमा नगर पंचायत में इस काम की हर तरफ चर्चा हो रही है और लोग मान रहे हैं कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं.

Daughter born after 45 years in family
Daughter born after 45 years in family

By

Published : Jul 22, 2022, 8:41 PM IST

छपरा (सारण) : बिहार के छपरा जिले के एकमा नगर पंचायत क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार ने बेटी के जन्म लेने पर (family got baby girl parents celebrate in saran) पालकी की और परिवार में नव आगंतुक बिटिया को पालकी से घर ले आए. एकमा नगर पंचायत क्षेत्र के शिवजी प्रसाद के पुत्र धीरज गुप्ता की पत्नी ने यहां के एक निजी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म लेने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिजन उसे पालकी पर गाजे-बाजे के साथ घर ले आए.

ये भी पढ़ें:- रोहतास में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग ले रहीं छात्राएं, कहा- 'मार्शल आर्ट सीखकर बढ़ रहा आत्मविश्वास'

बना हर जगह चर्चा का विषय : एकमा नगर पंचायत में इस परिवार की ओर से बेटी के जन्म लेने पर उसका इस तरीके से स्वागत करते हुए घर ले आना हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है. धीरज गुप्ता के बड़े भाई बब्लू गुप्ता ने बताया कि हम चार भाइयो में किसी को बेटी नहीं थी. परिवार में बेटी आए इसके लिए हर कोई तरस रहा था. बब्लू ने आगे बताया कि उनके परिवार में करीब 45 वर्षो के बाद बेटी का जन्म हुआ(Daughter born after 45 years in family) है.

बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं: धीरज के पिता शिवजी प्रसाद ने कहा कि बेटियां साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप (newborn baby form of Lakshmi) होती हैं. परिवार में बिटिया के आगमन पर बच्ची के पिता धीरज गुप्ता और मां पूजा देवी ने भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं हैं. एकमा नगर पंचायत में परिजनों के इस नेक कार्य की सराहना हर ओर हो रही है. लोग ये भी कह रहे हैं कि गर्भ में बेटी होने पर भ्रूण हत्या करने वाले लोगों के लिए इस परिवार ने एक नई नजीर पेश की है और यह साबित किया है कि बेटियां वास्तव में बेटों से कम नहीं हैं.

पालकी में घर लाई गई नवजात

ये भी पढ़ें:- जहां कभी नक्सलियों की थी धमक, आज लोहा मनवा रही वहां की बेटियां, पढ़ें बुलंद हौसले की ये खबर

ABOUT THE AUTHOR

...view details