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एनएच के कई बड़े प्रोजेक्ट के सहारे बिहार की तस्वीर बदलने की तैयारी

बिहार में सड़कों का जाल बिछाकर एक जगह से दूसरे जगह की दूरी कम करने और यात्रा सुलभ बनाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है. केंद्र सरकार भी इसमें अहम भूमिका निभा रही है. नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) बिहार में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है इनके पूरी होने पर सुदूर इलाकों से पटना पहुंचने में महज 5 घंटे लगेंगे.पढ़ें पूरी खबर-

बिहार की तस्वीर बदलने की तैयारी
बिहार की तस्वीर बदलने की तैयारी

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Published : Mar 22, 2021, 10:25 PM IST

पटना : बिहार में सरकार का रोड सेक्टर पर सबसे ज्यादा फोकस है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले 6 घंटे का लक्ष्य सुदूर इलाकों से राजधानी पहुंचने का रखा था लेकिन अब इसे 5 घंटे कर दिया गया है.

विभाग उस पर काम कर रहा है. सबसे बड़ी भूमिका केंद्र सरकार की है. एनएचएआई बिहार में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है.

खास रिपोर्ट

बिहार में बिछ रहा सड़कों का जाल
प्रधानमंत्री ने 2015 विधानसभा चुनाव में सवा लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी. उसमें से 54000 करोड़ से अधिक की राशि सिर्फ पथ निर्माण में खर्च हो रहा है. उसमें से कई का काम पूरा भी हो गया है और कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

आने वाले 8 से 10 साल में नेशनल हाईवे पर बिहार में 1 लाख करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी. इसमें औरंगाबाद की आमस से दरभंगा तक बनने वाले बिहार के पहले सिक्स लेन एक्सप्रेस वे भी शामिल है. जिस पर 7500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने वाली है. बिहार सरकार भी अपने बूते कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्स लेन पुल सहित कई बड़ी परियोजना पर काम कर रही है.

बिहार में 5600 किमी. की लंबाई में 58 एनएच
बिहार 58 राष्ट्रीय उच्च मार्ग यानी एनएच हैं जिसकी कुल लंबाई 5600 किलोमीटर है. इसमें से एनएचएआई के पास 3800 किलोमीटर नेशनल हाईवे की सड़कें हैं. कई सड़कों के फोरलेन का काम वर्षों से चल रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उसमें तेजी आई है. कई सड़कों का निर्माण पूरा होने वाला है. एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी चंदन वत्स के अनुसार कई बड़े प्रोजेक्ट इस साल पूरा हो जाएंगे. 14298 करोड़ की योजना का प्रधानमंत्री ने पिछले साल शिलान्यास और उद्घाटन किया था.

बिहार की प्रमुख योजनाएं

प्रमुख योजनाएं

एनएच को फोरलेन में बदला गया
1989 तक बिहार में केवल 1266 किलोमीटर एनएच की सड़कें थीं. 1989 से 2004 के बीच 2362 किलोमीटर सड़क को एनएच घोषित किया गया लेकिन इसमें 1000 किलोमीटर सड़क भी फोरलेन नहीं थी. 2000 किलोमीटर एनएच दो लेन का था. 2300 किलोमीटर सिंगल लेन 7 मीटर या इंटरमीडिएट 4 से 5 मीटर का था. अभी 2500 किलोमीटर से अधिक एनएच को फोरलेन में बदला जा रहा है.

एनएचआई के क्षेत्रीय अधिकारी चंदन वत्स ने बताया 2020- 21 में 649 किलोमीटर की एनएच की सड़कों को फोरलेन या फिर 6 लेन किया जा रहा है. जिस पर 30000 करोड़ की राशि खर्च हो रही है. इसी तरह 2021- 22 के पहले तिमाही में 700 किलोमीटर एनएच की सड़कों को अवार्ड किया जाएगा और उस पर भी 30000 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है. यानी केवल 2 वित्तीय वर्ष में बिहार में 60 हजार करोड़ की राशि की परियोजना अवार्ड कर दी जाएगी.

किस पर कितनी लागत

बिहार में एनएच
बिहार में एनएच की सड़कों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

साल किमी.
1989 1246
2014 4554
2021 5600

पटना के कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक सिक्स लेन पुल
2005 से पहले गंगा पर केवल 3 पुल थे लेकिन अब एक दर्जन पुल बनकर तैयार होने की स्थिति में है. कुछ नए पुलों पर भी काम शुरू होना है. बिहार सरकार गंगा पर पटना के कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक सिक्स लेन पुल का निर्माण कर रही है जो 2023 तक पूरा हो जाएगा. इस पुल के पूरा हो जाने का फायदा आमस-दरभंगा पहले एक्सप्रेस-वे के निर्माण में भी होगा क्योंकि इससे लिंक किया जाएगा. इस पर 5000 करोड़ की राशि खर्च हो रही है.

इन पर चल रहा काम

3600 किलोमीटर स्टेट हाईवे की सड़कें
बिहार में 3600 किलोमीटर स्टेट हाईवे की सड़कें भी है और 12797 किलोमीटर मेजर डिस्टिक रोड भी. इसके साथ ग्रामीण सड़कें भी 100000 किलोमीटर से अधिक हैं. बिहार सरकार सड़कों के निर्माण के साथ राज्य के हिस्से में जो एनएच की सड़कें हैं या फिर अन्य सड़कें उनके मेंटेनेंस पर बड़ी राशि खर्च करने वाली है.

सड़कों के मेंटेनेंस पर बड़ी राशि खर्च
अगले 7 सालों में लगभग 6700 करोड़ की राशि केवल 13000 किलोमीटर से अधिक की सड़कों के मेंटेनेंस पर ही खर्च की जाएगी. बिहार सरकार के मंत्री जीवेश कुमार और प्रमोद कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूरा फोकस आत्मनिर्भर बिहार बनाने की ओर है और उसमें सबसे ज्यादा जोर सड़क जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर है. जीवेश कुमार ने कहा 'बिहार में 5 घंटे के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया गया है और हम आने वाले समय में 4 घंटे को लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर सकते हैं.'

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पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा 'कई बड़ी परियोजना पर काम शुरू होना है. हमारी पूरी कोशिश है कि जो भी लंबित योजनाएं हैं उसको समय पर पूरा किया जाए. इसके साथ ही मास्टर प्लान के तहत आगे की रणनीति पर काम करना है. मुख्यमंत्री का जो 5 घंटे का लक्ष्य है उसे पूरा करने पर जोर है'

बड़े प्रोजक्ट जिनपर हो रहा काम
बिहार सरकार की ओर से जो बड़े प्रोजेक्ट पर काम हो रहे हैं वे इस प्रकार हैं...

गंगा किनारे गंगा पथ वे का निर्माण
कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्स लेन पुल का निर्माण
बख्तियारपुर से ताजपुर गंगा पर पुल का निर्माण
पटना में गांधी मैदान से एनआईटी तक एलिवेटेड रोड का निर्माण
पटना सहित 38 जिलों में 120 बाईपास का निर्माण

इसी साल दो बड़े प्रोजेक्ट का काम पूरा भी हुआ है जिसमें एक है राजधानी पटना के दीघा से आर ब्लॉक अटल पथ और दूसरा पटना के दीघा से एम्स तक एलिवेटेड सड़क का निर्माण.

बिहार का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
इसके साथ एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार कई बड़े प्रोजेक्ट पर स्वीकृति मिल गई है. जिसमें औरंगाबाद के आमस से दरभंगा तक एक्सप्रेस वे इस पर 7500 हजार करोड़ की राशि खर्च की जाएगी. यह बिहार का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा. केंद्र सरकार ने हाल ही में इसे एनएच का दर्जा दिया है.

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एनएचडी 119 इसका नामांकन किया गया है. इसका निर्माण चार पैकेज में किया जाएगा. इसके साथ पटना- आरा- सासाराम को भी एनएच का दर्जा मिल गया है. इस पर भी जल्द काम शुरू होगा. साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेस यूपी में जिसका निर्माण चल रहा है उसका कनेक्शन बिहार से भी करने की कोशिश हो रही है.

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