राजेंद्र राठौड़ बने नेता प्रतिपक्ष जयपुर.राजस्थान बीजेपी में हाल में प्रदेशाध्यक्ष में बदलाव के बाद रविवार को भी बड़ा निर्णय लिया गया है. राजस्थान भाजपा में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हो गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के असम का राज्यपाल बनने के बाद खाली हुआ नेता प्रतिपक्ष के पद की जिम्मेदारी उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को सौंपी गई है. साथ ही भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.
कटारिया की जगह राठौड़ :बीजेपी विधायक दल की बैठक में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर सर्व सहमति बनी. साथ ही पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को उप नेता प्रतिपक्ष बनाने के मामले में सहमति बनी है. बता दें कि नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी पूर्व में गुलाबचंद कटारिया के पास थी. लेकिन उनके असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद से यह पद खाली चल रहा था.
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राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले पार्टी के स्तर पर कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. इससे पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद पर बदलाव करते हुए पार्टी के भीतर की गुटबाजी को समाप्त करने की कोशिश की गई थी. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ अब सदन में विपक्ष के मुखिया की भूमिका निभाएंगे. रविवार को बीजेपी मुख्यालय पर हुई विधायक दल की बैठक में राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया के नाम पर सहमति बनी.
जातीय संतुलन : बीजेपी ने राजेंद्र राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष और सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बना कर जातिगत संतुलन बनाया है. ब्राह्मण समाज से सीपी जोशी को अध्यक्ष बनाने और जाट समाज के सतीश पूनिया को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद जाट समाज में नाराजगी सामने आई थी. बीजेपी ने राजपूत समाज से आने वाले राजेन्द्र राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष बना कर राजपूत समाज को साधने का काम किया है.
इसके साथ ही पार्टी ने सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बनाकर जाट समाज की नाराजगी को भी खत्म करने की कोशिश की है. राठौड़ विधानसभा में 7 वीं बार विधायक बन कर पहुंचे हैं और उपनेता प्रतिपक्ष की भूमिका में सत्ता को लगातार कटघरे में खड़ा करते रहे हैं. ऐसे में अनुभव के लिहाज से राठौड़ को ये जिम्मेदारी दी गई है. विधानसभा में पहली बार चुनाव जीत कर पहुंचे सतीश पूनिया को अनुभव के लिहाज से उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.
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कटारिया के बाद से पद था खालीःबता दें कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने 12 फरवरी को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया है . कटारिया के राज्यपाल बनने के साथ ही अब राजस्थान में नए तरीके नेता प्रतिपक्ष के चुनाव की तैयारी हो रही थी, हालांकि इस बीच मे केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के पद में बदलाव करते हुए सतीश पूनिया की जगह सांसद सीपी जोशी को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था.
पार्टी में त्रिगुट बना है :नेता प्रतिपक्ष का पद मिलने के साथ राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख दिखा दिया है. राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देने पर पार्टी को धन्यवाद दिया. साथ ही प्रस्तावक बनने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी आभार जताया. राठौड़ ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने जोशी, पूनिया और राठौड़ का एक त्रिगुट बनाया है. यह त्रिगुट बुलडोजर लेकर कांग्रेस सरकार से निपटेगा. यह सरकार जो वोट की फसल काटने का काम कर रही है, उसे रोका जाएगा. हम मिलकर कुशासन का अंत करेंगे.
राठौड़ ने कहा कि यह सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. सांप्रदायिक और भ्रष्टाचार के चेहरे को बेनकाब करने के लिए पहले से ही पार्टी काम कर रही है, अब इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाएंगे. राजस्थान में जो आर्थिक आपातकाल बढ़ चुका है उस पर लगाम लगाने के लिए सदन में मुखर होकर सरकार का सामना करेंगे. राठौड़ ने कहा कि मैं जमीनी कार्य करता हूं, जो भी चुनौतियां होगी उनका सामना करूंगा. पार्टी ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है मैं उससे पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ निभाने का प्रयास करूंगा.