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Chandrayaan 3 : तेजी से चांद की तरफ बढ़ रहा चंद्रयान 3, जानिए कब पहुंचेगा चंद्रमा पर - इसरो चेयरमैन

चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) जल्द ही पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा. चंद्रयान ने चौथे ऑर्बिट में पहुंचने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. 25 जुलाई को दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच चंद्रयान-3 पांचवीं कक्षा में प्रवेश करेगा. पढ़ें पूरी खबर.

Chandrayaan 3
चंद्रयान3

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Published : Jul 24, 2023, 5:03 PM IST

नई दिल्ली :भारत का चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3), मून मिशन लगातार प्रगति कर रहा है. चंद्रयान ने चौथे ऑर्बिट की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्टि की है कि अंतरिक्ष यान अब पृथ्वी के चारों ओर 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में है.

सौजन्य-इसरो

14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग और रोबोटिक रोवर संचालित करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है.

मिशन सुचारु रूप से आगे बढ़ रहा है, प्रत्येक कक्षा के साथ आगे बढ़ाने को योजना के अनुसार क्रियान्वित किया जा रहा है. पहली कक्षा 15 जुलाई को पार की, उसके बाद 16 जुलाई को दूसरी फिर 18 को तीसरी कक्षा में प्रवेश किया. ये 20 जुलाई को चौथे ऑर्बिट में प्रवेश कर गया. प्रत्येक चरण में अंतरिक्ष यान की गति को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए इसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है.

अगला महत्वपूर्ण चरण क्या? :चंद्रयान-3 के मिशन में अगला महत्वपूर्ण चरण पांचवीं कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया है. 25 जुलाई को दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच चंद्रयान-3 पांचवीं कक्षा में प्रवेश करेगा. सावधानीपूर्वक नियोजित इस कार्यक्रम में अंतरिक्ष यान की कक्षीय ऊंचाई बढ़ाने के लिए सटीक-थ्रस्टर फायरिंग शामिल होगी.

एक बार जब अंतिम कक्षा में पहुंचने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षाओं की एक श्रृंखला करेगा और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाने और इसे चंद्रमा पर उतरने के लिए इंजन चलाएगा. इसके बाद अंतरिक्ष यान पृथ्वी से चंद्रमा स्थानांतरण कक्षा में प्रवेश करेगा, जिसके बाद चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण इसे अंदर खींच लेगा.

चंद्रयान-3 मिशन अपने वेग को बढ़ाने के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करेगा. इसके 23 या 24 अगस्त के आसपास चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है. मिशन के लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने की उम्मीद है.

सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले पूर्व सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ऐसा कर चुके हैं.

केंद्रीय मंत्री ने ये बताया :विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान -3 ने गुरुवार को चौथी कक्षा में पहुंचने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान चंद्रमा के एक कदम और करीब है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 31 जुलाई को चंद्रयान-3 अपना ट्रांसलूनर इंजेक्शन (टीएलआई) बर्न शुरू करेगा. इसके बाद, यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उपयुक्त लैंडिंग स्थान की खोज करेगा और 23 अगस्त तक ऑपरेशन को अंजाम देगा. मंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 अगस्त के पहले सप्ताह तक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा.

क्या बोले, इसरो चेयरमैन :इससे पहले इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा कि 'चंद्रयान -3 चंद्रमा के रास्ते पर है और अगले कुछ दिनों में यह चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.' इसरो प्रमुख ने कहा कि 'मुझे यकीन है कि जहां तक ​​विज्ञान का सवाल है, आपको इस (चंद्रयान-3) मिशन के माध्यम से कुछ बहुत महत्वपूर्ण मिलेगा.' इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने पहले कहा था कि 31 जुलाई से 1 अगस्त के आसपास यह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा.

चंद्रयान -2 लैंडर के 2019 के असफल प्रयास के बाद, यह मिशन चंद्रमा को छूने का भारत का दूसरा प्रयास है. नया मिशन पहले लैंडिंग प्रयास से सीखे गए सबक पर आधारित है. अगर टचडाउन सफल रहा, तो मिशन लैंडर और रोवर 14 पृथ्वी दिनों (चंद्रमा पर एक दिन) तक सतह पर डेटा एकत्र करेंगे.

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