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चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित: इसरो - चंद्रयान 3

चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है. यह जानकारी भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दी. इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को रवाना किया गया था.

Chandrayaan-3 successfully inserted into lunar orbit
चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित

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Published : Aug 5, 2023, 8:27 PM IST

Updated : Aug 5, 2023, 10:08 PM IST

बेंगलुरु : चंद्रमा के लिए भारत के महत्वाकांक्षी मिशन का 'चंद्रयान-3' शनिवार को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी. बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा कि आवश्यक प्रक्रिया यहां इसरो केंद्र से की गई.

इसरो ने एक ट्वीट में कहा, 'चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क), बेंगलुरु से इसे बढ़ाने का कमान दिया गया.' इसरो ने कहा कि अगला ऑपरेशन कक्षा घटाने का कार्य रविवार रात 11 बजे किया जाएगा. अंतरिक्ष एजेंसी ने उपग्रह से अपने केंद्रों को एक संदेश भी साझा किया, जिसमें लिखा था, 'एमओएक्स, आईएसटीआरएसी, यह चंद्रयान-3 है. मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं.' इसरो के सूत्रों के अनुसार, उपग्रह को चंद्रमा के करीब लाने के लिए चार और प्रक्रिया होगी, जो 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा है.

इससे पहले इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है. चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक पूरा किया गया है. एक अगस्त को अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यान को 'ट्रांसलूनर कक्षा' में डाल दिया गया. इससे पहले, उसने कहा था कि वह 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' कराने की कोशिश करेगा.

बता दें कि चंद्रयान-3 के लिए लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर और लैंडर हॉरीजोंटल वेलोसिटी कैमरा नामक यंत्र लैंडर लगाया गया है. इसमें लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर जमीन पर उतरते समय थ्रीडी लेजर फेंकता है जिसके बाद यह लेजर जमीन से टकराती हैं जिससे यह पता चलता है कि सतह कैसी है. ऐसे में सतह के ऊंची-नीची या उबड़-खाबड़ आदि के पता लगने के बाद वह लैंडिंग के लिए सही जगह व स्थान का चयन करता है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को इसरो ने एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया था. इसको 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में दूसरे लॉन्च पैड से अपराह्न 2.35 बजे रवाना किया गया था.

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(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 5, 2023, 10:08 PM IST

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