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Chandrayaan 3 : रोवर 'प्रज्ञान' लैंडर 'विक्रम' से बाहर निकला, राष्ट्रपति ने फिर से दी बधाई - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

चंद्रयान-3 मिशन की सफल लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर निकल गया. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 रोवर, मेड इन इंडिया, मेड फॉर द मून! सीएच-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चंद्रमा पर सैर की! पढ़ें पूरी खबर...

Chandrayaan 3
रोवर 'प्रज्ञान' लैंडर 'विक्रम' से बाहर निकला

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 9:18 AM IST

Updated : Aug 24, 2023, 10:49 AM IST

नई दिल्ली : चंद्रमा की सतह पर पहुंचे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) से रोवर 'प्रज्ञान' बाहर निकल आया है. इस प्रकिया पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने कहा कि भारत ने चांद पर सैर की. अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इसरो ने कहा कि रोवर बाहर निकल आया है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 रोवर : 'मेड इन इंडिया - मेड फॉर मून'. चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से बाहर निकल आया है और भारत ने चांद की सैर की.

आधिकारिक सूत्रों ने पहले ही लैंडर 'विक्रम' से रोवर 'प्रज्ञान' के सफलतापूर्वक बाहर निकलने की पुष्टि कर दी थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'प्रज्ञान' को सफलतापूर्वक लैंडर से बाहर निकालने के लिए इसरो की टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि विक्रम के चंद्रमा की सतह पर लैंड करने के कुछ घंटे बाद रोवर का बाहर निकलना चंद्रयान-3 के एक और चरण की सफलता को दर्शाता है. मैं अपने देशवासियों और वैज्ञानिकों के साथ पूरे उत्साह से उस जानकारी और विश्लेषण की प्रतीक्षा कर रही हूं जो 'प्रज्ञान' हासिल करेगा और चंद्रमा के बारे में हमारे ज्ञान को समृद्ध करेगा.

चंद्रयान-3 के एलएम 'विक्रम' ने तय समय पर बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह को छुआ, जिससे पूरा देश जश्न में डूब गया. इसरो ने इससे पहले कहा था कि 26 किलोग्राम वजनी छह पहियों वाले रोवर को लैंडर के अंदर से चांद की सतह पर उसके एक ओर के पैनल को रैंप की तरह इस्तेमाल करते हुए बाहर निकाला जाएगा. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) का कुल वजन 1,752 किलोग्राम है और जिन्हें चंद्रमा के वातावरण के अध्ययन के उद्देश्य से एक चंद्र दिवस अवधि (करीब 14 पृथ्वी दिवस) तक संचालन के लिए डिजाइन किया गया है.

इसरो के अधिकारियों ने हालांकि इसके अगले चंद्र दिवस तक काम करते रहने की संभावना से इनकार नहीं किया है. रोवर इस दौरान चांद की सतह पर घूमकर वहां मौजूद रसायन का विश्लेषण करेगा. लैंडर और रोवर के पास वैज्ञानिक पेलोड हें जो चांद की सतह पर प्रयोग करेंगे. रोवर अपने पेलोड 'एपीएक्सएस' (अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर) के जरिए चंद्रमा की सतर का अध्ययन करेगा ताकि रासायनिक संरचना की जानकारी प्राप्त की जा सके और चंद्रमा की सतह के बारे में ज्ञान को और बढ़ाने के लिए खनिज संरचना का अनुमान लगाया जा सके.

'प्रज्ञान' में भी एक पेलोड - 'लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप' (एलआईबीएस) है जो चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना का पता लगाएगा. इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इससे पहले कहा था कि लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद रैंप और लैंडर के अंदर से रोवर को निकालने की प्रक्रिया की जाएगी. इसके बाद एक के बाद एक सभी प्रयोग होंगे - इन सभी को चंद्रमा पर सिर्फ एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिन में पूरा करना होगा.

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अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने भी चंद्रयान 3 की सफलता पर भारत को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया कि चंद्रयान 3 लैंडिंग पर भारत, इसरो, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को बधाई! आपने इतिहास बना दिया है! इस महत्वपूर्ण अवसर पर आज आपको मेरी शुभकामनाएं.

(इनपुट पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 24, 2023, 10:49 AM IST

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