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Chandrayaan 3 : चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही बड़ी अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरेगा भारत

भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयार है. एक बार सॉफ्ट लैंडिंग कर लेने के बाद देश उन गिने-चुने देशों में शुमार हो जाएगा, जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल की है. भारत के मामले में सबसे खास ये है कि इसरो दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है, जहां हाल ही में रूस का मिशन फेल हुआ है.

Chandrayaan 3
भारत का चंद्रयान 3 मिशन

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2023, 5:21 PM IST

Updated : Aug 22, 2023, 10:59 PM IST

नई दिल्ली : जैसे-जैसे चंद्रयान 3 के सॉफ्ट लैंडिंग का समय करीब आ रहा है, इसके प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है. लैंडिंग बुधवार शाम 6 बजकर चार मिनट पर होगी. भारत के वैज्ञानिकों, आम लोगों की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर इस महत्वाकांक्षी मिशन पर है.

रूस का चंद्रमिशन फेल होने के बाद खुद को साबित करने की भारत की चुनौती और बढ़ गई है. लेकिन एक बात तो तय है कि एक बार सॉफ्ट लैंडिंग हासिल कर लेने के बाद देश अमेरिका, रूस और चीन की श्रेणी में शामिल होकर एक बड़ी अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरेगा.

भारत के पास चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने का बड़ा अवसर है. यह मिशन निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपणों और संबंधित उपग्रह-आधारित व्यवसायों में निवेश को बढ़ावा देने की केंद्र की योजना को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा. यह भारत की निजी अंतरिक्ष कंपनियों के लिए अगले दशक के भीतर वैश्विक लॉन्च बाजार में अपनी हिस्सेदारी पांच गुना बढ़ाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा.

इससे पहले, जब चंद्रमा मिशन लॉन्च किया गया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसरो 'भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय' लिख रहा है और 'प्रत्येक भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं' को ऊपर उठा रहा है.

टल सकती है चंद्रयान की चंद्र लैंडिंग? : चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग से दो दिन पहले, इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी लैंडिंग के साथ आगे तभी बढ़ेगी जब उस दिन स्थितियां 'अनुकूल' होंगी. उन्होंने कहा कि अन्यथा, 27 अगस्त को एक नया प्रयास किया जाएगा.

इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम देसाई ने कहा कि 'चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, हम लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा की स्थितियों के आधार पर इस पर निर्णय लेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं. यदि कोई कारक अनुकूल नहीं लगता है, तो हम 27 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतार देंगे.'

वहीं, नेहरू तारामंडल के ओपी गुप्ता ने भी कहा कि यदि कोई कठिनाई आती है और परिस्थितियां अनुपयुक्त होती हैं, तो इसरो ने इसे चार और दिनों तक बनाए रखने के लिए पर्याप्त ईंधन रखा है. इसे तकनीकी रूप से मजबूत बनाया गया है...विक्रम लैंडर में लगा हाई रेजोल्यूशन कैमरा शुरुआत में 25 किमी की ऊंचाई से सुरक्षित लैंडिंग के लिए सतह की निगरानी करेगा...उम्मीद है कि उपयुक्त जगह मिलने के बाद यह समय पर लैंड करेगा.

भारतीय वैज्ञानिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ही क्यों उतरना चाहते हैं? : चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अपनी अनूठी विशेषताओं और संभावित वैज्ञानिक मूल्य के कारण खोज का केंद्र बिंदु बन गया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी के बर्फ के विशाल भंडार की मेजबानी करता है. भविष्य की अंतरिक्ष खोज के लिए पानी की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे पीने के पानी, ऑक्सीजन और रॉकेट ईंधन के लिए हाइड्रोजन जैसे संसाधनों में परिवर्तित किया जा सकता है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में स्थायी रूप से सूर्य की रोशनी वाले क्षेत्र का तापमान शून्य से 50 से 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है, जो रोवर और लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक्स को ठीक से काम करने के लिए बेहतर रासायनिक स्थिति प्रदान करता है.

इसरो ने जारी कीं तस्वीरें :इस बीच इसरो ने मंगलवार को चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा 19 अगस्त को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं हैं. बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुख्यालय की ओर से बताया गया कि एलपीडीसी छवियां मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता कर रही हैं, जो बुधवार को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए निर्धारित है.

आखिरी के मिनट काफी महत्वपूर्ण : बुधवार को देश के लिए आखिरी के 20 मिनट बड़ी मुश्किल से बीतेंगे जब विक्रम लैंडर शाम को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने के लिए जाएगा. भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास प्रज्ञान रोवर के साथ विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास करके इतिहास रचने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसकी यात्रा के अंतिम बीस से पच्चीस मिनट रोमांचकारी क्षण होंगे.

1.68 किमी प्रति सेकंड की स्पीड से बढ़ेगा विक्रम लैंडर :इसरो मुख्यालय के कंट्रोल रूम से विक्रम लैंडर 25 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह की ओर उतरना शुरू करेगा. विक्रम लैंडर 1.68 किमी प्रति सेकंड यानि 6048 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ेगा. इस रफ्तार की तुलना अगर प्लेन की स्पीड से की जाए तो यह करीब दस गुना तेज है.

11 मिनट का रफ ब्रेकिंग फेस :इसके बाद विक्रम लैंडर (Vikram lander) अपने सभी इंजनों के चालू होने के साथ धीमा हो जाएगा - लेकिन लैंडर अभी भी चंद्रमा की सतह पर लगभग हॉरिजेंटल है - इसे रफ ब्रेकिंग चरण कहा जाता है जो लगभग 11 मिनट तक रहता है.

विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर वर्टिकल किया जाएगा, इसके साथ ही 'फाइन ब्रेकिंग चरण' शुरू होगा. चंद्रयान -2 लॉन्च के दौरान विक्रम लैंडर नियंत्रण से बाहर हो गया था और दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दरअसल चंद्रमा की सतह से 800 मीटर ऊपर, क्षैतिज (horizontal) और ऊर्ध्वाधर (vertical) दोनों वेग शून्य हो जाते हैं और विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह के ऊपर मंडराता है और लैंडिंग स्ट्रिप का सर्वेक्षण करता है. खतरे का पता लगाने और सर्वोत्तम लैंडिंग साइट की खोज के लिए तस्वीरें लेने के लिए विक्रम लैंडर एक बार फिर 150 मीटर पर मंडराने के लिए रुकने के लिए नीचे जाता है.

इसके बाद ये सिर्फ दो इंजनों की मदद से सतह से टचडाउन का प्रयास करेगा. विक्रम लैंडर के पैर इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि यह ज्यादा से ज्यादा वेग सह सकें. यह तीन 3 मी/सेकंड या लगभग 10.8 किमी प्रति घंटा का वेग सह सकता है.

एक बार जब पैरों पर लगे सेंसर चंद्रमा की सतह को महसूस कर लेंगे, तो इंजन बंद हो जाएंगे और मुश्किल समय कट जाएगा. रेजोलिथ नामक चंद्र धूल, जो लैंडिंग के दौरान एकत्रित होती है, से हटने का इंतजार किया जाएगा.

इसके बाद रैंप खुलेगा फिर प्रज्ञान रोवर धीरे-धीरे नीचे की ओर लुढ़कता हुआ बाहर आएगा. एक बार जब प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर पहुंच जाएगा और रोवर चंद्रमा की सतह के चारों ओर घूमने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा. इसके बाद विक्रम लैंडर रोवर की तस्वीरें लेना शुरू कर देगा. ये भी गौरतलब है कि विक्रम लैंडर और रोवर दोनों सौर ऊर्जा से संचालित हैं और एक चंद्र दिन तक चलने के लिए बने हैं - जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है.

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Last Updated : Aug 22, 2023, 10:59 PM IST

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