अमरावती: तेलुगु देशम नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एसीबी कोर्ट (Anti Corruption Bureau) के जज को पत्र लिखा है. यह पत्र जेल अधिकारियों द्वारा एसीबी अदालत के न्यायाधीश को भेजा गया. चंद्रबाबू ने अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य पर संदेह जताते हुए 3 पन्नों का पत्र लिखा. चंद्रबाबू ने पत्र में कहा कि वामपंथी उग्रवादी उन्हें मारने की साजिश रच रहे हैं. चंद्रबाबू ने यह पत्र इसी महीने की 25 तारीख को लिखा. इस पत्र की मख्य बातें इस प्रकार है-
1. मैं आपके सामने और उसके आस-पास घटी कुछ अप्रिय घटनाओं को लाना चाहता हूँ. आपके विचार के लिए हाल ही में सेंट्रल जेल, राजामहेंद्रवरम में जेड प्लस (z+) श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त होने के बावजूद मेरे जीवन और अंग को खतरे में डालने की प्रवृत्ति देखी गई.
2. मुझे 10.09.2023 को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया. इसके बाद मुझे 11.09.2023 की मध्यरात्रि को केंद्रीय कारागार राजमहेंद्रवरम लागा गया. जेल में प्रवेश करते समय और जेल परिसर में रहने के दौरान अनाधिकृत रूप से मेरी वीडियोग्राफी की गई और तस्वीरें खींची गईं. उक्त फुटेज खुद पुलिस ने ही लीक किया. उन तस्वीरों को सत्ताधारी पार्टी द्वारा लोगों की नजरों में मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के इरादे से ऐसा किया गया. इस दौरान मेरी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया.
3. मेरे संज्ञान में आया कि एक गुमनाम पत्र प्राप्त हुआ. पूर्वी गोदावरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और जेल अधिकारियों ने लिखा था कि कुछ वामपंथी चरमपंथी मेरी हत्या की योजना बना रहे थे. उस हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए करोड़ों रुपये का आदान-प्रदान किया गया था. पुलिस अधिकारियों ने अब तक उक्त पत्र की सत्यता की जांच करने का कोई प्रयास नहीं किया है और न ही अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए कोई कदम उठाया.
4. मेरे संज्ञान में आया कि ड्रग्स के मामले में एस.कोटा का एक कैदी जेल में पेन कैमरा लेकर घूम रहा था और अंदर कैदियों की तस्वीरें कैद कर रहा था.
5.चंद्रबाबू नायडू के आरोप: 1.सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर एक भयावह योजना के तहत मेरी हरकतों को कैद करने के लिए कुछ अज्ञात बदमाशों द्वारा केंद्रीय कारागार राजामहेंद्रवरम के ऊपर एक ड्रोन उड़ाया गया. ड्रोन खुली जेल के पास आया जहां कुछ कैदी बंद थे. इस चिंताजनक घटना के बावजूद स्थानीय पुलिस ने सच्चाई का पता लगाने या उक्त घटना के पीछे के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. यह घटना इस नग्न सच्चाई को उजागर करती है कि जेल अधिकारी असहाय हैं.