Chandrababu In Custody: चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश का एक राजनीतिक मुद्दा - केटीआर - टीडीपी नेता चंद्रबाबू
टीडीपी नेता चंद्रबाबू की गिरफ्तारी का मामला तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों ही राज्यों में चर्चा का विषय बना हुआ है. अब तेलंगाना के मंत्री केटीआर का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी का मामला पूरी तरह से आंध्र प्रदेश का मामला है. आंध्र प्रदेश की राजनीतिक लड़ाई फैसला वहीं होना चाहिए.
हैदराबाद: तेलंगाना के मंत्री केटीआर ने कहा कि टीडीपी नेता चंद्रबाबू की गिरफ्तारी का मामला पूरी तरह से आंध्र प्रदेश का मामला है. आंध्र की राजनीतिक लड़ाई का फैसला वहीं होना चाहिए. मंगलवार को तेलंगाना भवन में आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि तेलंगाना को आंध्र प्रदेश राजनीतिक विवादों के लिए एक मंच होना चाहिए. टीडीपी और वीसीपी के लिए तेलंगाना के लोगों को परेशान करना ठीक नहीं है.
बीआरएस कार्यकारी अध्यक्ष, केटीआर ने कहा कि चंद्रबाबू की गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश में दो राजनीतिक दलों के बीच की लड़ाई है. अगर हमारी पार्टी के नेता जवाब देते हैं तो यह उनका निजी मामला है. यह कोई ऐसा कारक नहीं है, जिसका तेलंगाना के लोगों और तेलंगाना राज्य पर कोई प्रभाव पड़े. दूसरे राज्यों में चल रहे राजनीतिक विवादों से तेलंगाना का कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू को आंध्र प्रदेश में गिरफ्तार किया गया. अगर आपको रैलियां और धरने करने हैं तो वहीं करना चाहिए. कोई नहीं रोकेगा. वहां न करके आप यहां राजनीतिक राजनीति कैसे कर सकते हैं? अगर एक व्यक्ति आज तेलंगाना में रैली करेगा तो दूसरा कल करेगा. विजयवाड़ा, अमरावती और राजामहेंद्रवरम में रैलियां करें. एक दूसरे का सामना करो.
केटीआर ने बताया कि चंद्रबाबू को जो न्याय मिलना चाहिए वह अदालतों में होगा. उन्होंने कहा कि वाईसीपी और टीडीपी का तेलंगाना में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. मंत्री केटीआर ने कहा कि तेलंगाना में सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के दौरान भी आईटी सेक्टर में कोई आंदोलन नहीं हुआ था. अगर उनकी पार्टी के नेता चंद्रबाबू की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हैं तो यह उनकी निजी राय है.
उन्होंने कहा कि वे तटस्थ हैं. बताया जाता है कि लोकेश ने फोन कर प्रदेश में आंदोलन की इजाजत मांगी थी. मंत्री केटीआर ने बताया कि यदि एक पार्टी को अनुमति दी जाती है, तो दूसरी पार्टी को अनुमति देनी होगी. उन्होंने कहा कि लोकेश, जगन और पवन कल्याण उनके सबसे अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि आंध्र में उनका कोई झगड़ा नहीं है... यदा-कदा युद्ध लड़ने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्हें ऐसी कोई जरूरत भी नहीं है.