भारतीय पंचांगों के अनुसार इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर यानि आज है. भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा. चंद्रग्रहण के दौरान ग्रहण से पूर्व तीन प्रहर के लिए यानी की 9 घंटे पहले से ही सूतक लग जाता है. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं हैं. दोनों ही ग्रहण का असर इस धरती और उसके प्रत्येक जीव पर जरूर पड़ता है. चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है. धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अशुभ मानने के कारण गर्भवती अगर घर से बाहर नहीं निकलती हैं तो महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं पड़ता है. वैदिक पंचाग के अनुसार चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल वैसे तो दोपहर 1:32 मिनट पर शुरू हो रहा है, लेकिन भारत में शाम 5 बजकर 20 मिनट पर दिखाई देगा जो 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा. Chandra grahan precautions for pregnant lady . Lunar eclipse precautions for pregnant women .
मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि ग्रहण की नकारात्मक विकिरण बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढक देना चाहिए.पूजा-पाठ करना चाहिए. किसी भी स्त्री, पुरुष, बच्चे को सुई में धागा नहीं डालना चाहिए, साथ ही कुछ भी काटने, छीलने से बचाना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए , उन्हें अपना ख्याल रखना चाहिए. आइए जानते हैं गर्भवती इस चंद्रग्रहण के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.
गर्भवती के लिए सावधानी:
- गर्भवती महिलाओं को सूतक के दौरान भी नहाना चाहिए और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहाना जरूरी होता.
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कुछ काटना, छीलना, तलना, छौंकना या बघारना नहीं चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को गलती से भी चाकू, छुरी जैसी धारदार चीजों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई या काटने-छीलने के काम से बचना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए. इस दौरान घर के अंदर रहना बेहतर होता है.
- ग्रहण के समय उत्सर्जित होने वाली नकारात्मक ऊर्जा गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है.
- गर्भवती महिला को ग्रहण काल में बिना देव मूर्ति स्पर्श किए जप करना चाहिए.
- मान्यताओं के अनुसार जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा अनाज और पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और ग्रहण समाप्त होने के बाद उसे आदर सहित किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें.