पुणे (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र में पुणे शहर के भीड़भाड़ वाले चांदनी चौक (Chandni Chowk) इलाके में एक पुराने पुल को शनिवार तथा रविवार की मध्यरात्रि को विस्फोट के जरिए ढहा दिया जाएगा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस पुल को 600 किलो विस्फोटक (600 kg of explosives) के साथ 6 सेकेंड में ध्वस्त कर दिया जाएगा.
पुल के इस नियोजित ध्वस्तीकरण को लेकर स्थानीय लोगों के बीच काफी उत्सुकता है. इस पुल को ढहाना चांदनी चौक जंक्शन में यातायात की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है. चांदनी चौक इलाके में यातायात जाम की समस्या रहती है खासतौर से सुबह और शाम को व्यस्त शाम के दौरान.
फ्लाईओवर बनाया जाएगा :योजना के अनुसार, इस पुल के स्थान पर एक फ्लाईओवर बनाया जाएगा. इस काम का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा स्थानीय सिविक प्राधिकारियों के पास है. अधिकारियों ने कहा कि पुल को ढहाने का काम एडिफिस इंजीनियरिंग का दल एनएचएआई प्राधिकारियों के साथ मिलकर करेगा. इसी कंपनी ने इस साल अगस्त में नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को ढहा दिया था.
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार सुबह से ही घटनास्थल पर जिला अधिकारियों के साथ पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. शनिवार को रात 11 बजे के बाद इस इलाके की घेराबंदी कर दी जाएगी क्योंकि पुल गिराने के लिए विस्फोट देर रात करीब दो बजे होना है.
पुलिस उपायुक्त (यातायात) राहुल श्रीरामे ने कहा कि इलाके में वाहनों की आवाजाही रात 11 बजे से सुबह आठ बजे तक बंद रहेगी. उन्होंने कहा, 'इस दौरान हल्के वाहन वैकल्पिक सड़कों का इस्तेमाल कर सकते हैं जबकि भारी वाहनों को रोक दिया जाएगा. सातारा से मुंबई की ओर जाने वाले वाहनों के पास कई विकल्प होंगे. यात्री पुरानी कटराज सुरंग, नवले पुल, वरजे एग्जिट का इस्तेमाल कर सकते हैं और बाद में मुंबई जाने के लिए सोमाटणे फाटा से गुजर सकते हैं.'
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को चांदनी चौक में हो रहे पुल संबंधी कार्य का हवाई निरीक्षण किया था और यातायात के मुद्दों को हल करने के लिए स्थानीय प्राधिकारियों से बातचीत की. इस साल अगस्त में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यातायात की स्थिति की समीक्षा करने के लिए इलाके का दौरा किया था.
जाम में फंसा था सीएम शिंदे का काफिला, महीने भर में की गई तैयारी :पिछले कुछ सालों से इस इलाके में जबरदस्त ट्रैफिक जाम की समस्या थी. ट्रैफिक जाम के कारण मुंबई से सतारा जाने वाले, सतारा से मुंबई जाने वाले और पुणे शहर आने वाले वाहनों पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस जाम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी फंसे थे, उसके बाद प्रशासन ने एक महीने के भीतर इस पुल को गिराने की तैयारी की. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी यहां का दौरा किया था और ट्रैफिक जाम को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए थे.
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