चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Chandigarh Pgi) और पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University Chandigarh) के वैज्ञानिकों ने मिलकर चंडीगढ़ में मुख्य पोलिन, उनकी तीव्रता, विविधताओं पर शोध किया है. जिसके बाद पीजीआई में पौधों के पराग कणों पर आधारित एक पोलन कैलेंडर (Pollen Calendar) बनाया है. ये कैलेंडर स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर रविंदर खैवाल की ओर से बनाया गया है. इस कैलेंडर के माध्यम से लोगों को पौधों से होने वाली एलर्जी (plant allergies) से बचने में मदद मिलेगी.
इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर रविंदर खैवाल (Professor Ravinder Khaiwal) ने बताया कि इस कैलेंडर (Pollen Calendar) को बनाने में 2 साल से ज्यादा का वक्त लगा है. इस कैलेंडर में ये बताया गया है कि कौन से पौधे किस मौसम में पनपते हैं और पराग कण छोड़ते हैं. ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कई ऐसे पौधे होते हैं जिससे इंसानों को एलर्जी (plant allergies) हो जाती है. इस एलर्जी से अन्य कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए हमारे लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि कौन से पौधे किस मौसम में पराग कण छोड़ते हैं.
प्रोफेसर रविंद्र ने कहा कि देश में 20% ऐसे लोग हैं. जिन्हें अलग-अलग पौधों से एलर्जी है. जबकि दुनिया में करीब 30% लोग पौधों से होने वाली एलर्जी का शिकार हैं. रविंद्र ने बताया कि एलर्जी क्लीनिक में जा कर लोग ये पता कर सकते हैं कि उन्हें किस पौधे से एलर्जी है. इसके बाद इस कैलेंडर की मदद से उन्हें ये पता चल जाएगा कि जिस पौधे से उन्हें एलर्जी है, वो पौधा किस मौसम में परागकण ज्यादा छोड़ता है.