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'माता पिता की फटकार को जुर्म नहीं कहा जा सकता', बेटे को पीटने के मामले में चंडीगढ़ कोर्ट ने पिता को किया बरी

चंडीगढ़ कोर्ट ने पिता को अपने बेटे को पीटने के आरोप में बरी कर दिया है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि माता पिता की फटकार को जुर्म नहीं कहा जा सकता.

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Published : Mar 2, 2023, 6:46 PM IST

chandigarh court
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चंडीगढ़: बेटे के साथ मारपीट करने के मामले में चंडीगढ़ अदालत ने आरोपी पिता को बरी कर दिया है. बेटे की शिकायत के आधार पर पिता के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. आज पांच साल बाद इस मामले में चंडीगढ़ कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अदालत की तरफ से कहा गया कि माता पिता द्वारा अपने बच्चों को फटकार और डांट के लिए जेजे अधिनियम की धारा 75 के तहत मुजरिम नहीं कहा जा सकता. कोई भी विवेकपूर्ण और देखभाल करने वाला पिता अपने बच्चे को भटकते हुए नहीं देखना चाहेगा.

चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) टीपीएस रंधावा ने कहा कि कोर्ट में जो सबूत और रिकॉर्ड पेश किए गए हैं. उनमें कोई ठोस सबूत नहीं है. अदालत ने कहा कि चूंकि नाबालिग बच्चा पढ़ाई में कमजोर था और वो पढ़ाई भी बीच में छोड़ देता था. इस तरह के व्यवहार को कोई भी पिता बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसी स्थिति में कुछ फटकारना स्वाभाविक है, लेकिन माता-पिता द्वारा इस तरह की फटकार और डांट को जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत क्रूरता नहीं कहा जा सकता.

कोर्ट ने कहा 'वास्तव में ये पिता का कर्तव्य है कि वो अपने बच्चे को सही राह दिखाए. इसके अलावा बच्चे को कथित रूप से पीटने के संबंध में कोई डॉक्टरी रिकॉर्ड भी पेश नहीं किया गया. जिससे ये पूरा मामला निष्प्रभावी हो जाता है, क्योंकि बच्चे की मां ने भी बच्चे द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन नहीं किया. इसलिए सबूतों के आधार पर बच्चे के पिता को बरी किया गया है.'

जानें पूरा मामला: बता दें कि 14 साल का बच्चा घर से लापता हो गया था. जिसके बाद बच्चे के पिता की शिकायत पर पुलिस ने बच्चे के लापता होने का मामला दर्ज कर लिया था. पुलिस को दी शिकायत में पिता ने बताया कि 13 अगस्त, 2018 को उनका बेटा स्कूल गया था, लेकिन घर नहीं लौटा. पुलिस ने काफी कोशिश की, लेकिन बच्चा नहीं मिला. 14 वर्षीय लड़का 18 जून, 2019 को अचानक घर लौटा आया. इसके बाद बच्चे के अदालत में बयान दर्ज किए गए, जिसमें लड़के ने कहा कि वो अपनी मर्जी से घर से निकला था, क्योंकि उसके पिता उसे मारते थे. इसके बाद लड़के ने अपने पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की.

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जिसके बाद किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच के दौरान पिता को गिरफ्तार कर लिया गया था. लड़के ने अदालत में कहा कि उसके पिता लगातार उसकी और उसकी मां की पिटाई करते थे. इसी वजह से वो घर छोड़कर अमृतसर चला गया था. लड़के ने कहा कि जब वो वापस आ गया तब भी उसके पिता ने उसे और उसकी मां को पीटना बंद नहीं किया. वहीं पिछले पांच सालों में हुई पेशी के दौरान बच्चे की मां ने अपने पति के खिलाफ कुछ नहीं कहा. जिसके चलते वीरवार को कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद पिता को बरी कर दिया.

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