नई दिल्ली : 'कर्ज के बदले नकद' घोटाले में गिरफ्तार की गईं चंदा कोचर (Chanda Kochhar) कभी एक शक्तिशाली बैंकर हुआ करती थीं और उन्होंने अपनी अगुवाई में आईसीआईसीआई बैंक को देश में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.
कोचर फोर्ब्स की दुनिया के दिग्गज लोगों की सूची में नियमित रूप से शामिल रहती थीं. लेकिन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को ऋण देने में बरती गई कथित अनियमितताओं के सिलसिले में बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया.
कोचर दंपती को शनिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया गया. सुनवाई की दौरान अदालत ने चंदा कोचर और उनके पति को 26 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दोनों जवाब देने में आनाकानी कर रहे हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
आईसीआईसीआई बैंक ने मई, 2018 में वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये के ऋण देने में कोचर की कथित भूमिका के बारे में शिकायत मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी. कर्ज देने से कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा हुआ था.