वाराणसी:काशी में आयोजित संस्कृति संसद में संत बड़ी संख्या में जुटे हैं. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य हिंदूवादी संगठनों के बड़े पदाधिकारी भी पहुंचे हैं. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय (Champat Rai) भी वाराणसी आए हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के बाद लोकार्पण कार्यक्रम में देश की आबादी का एक प्रतिशत हिस्सा पहुंचेगा. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के 45 से 50 दिनों के भीतर एक करोड़ से अधिक लोग रामलला के दर्शन करेंगे.
चंपत राय ने कहा कि संस्कृति संगम यानी संत महापुरुषों का एक साथ बैठना और भारत की परंपराओं के बारे में भारत की कठिनाइयों के बारे में समस्याओं के बारे में चिंतन करना यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शरीर के लिए प्राण वायु.
उन्होंने कहा कि पहले 88000 ऋषि मुनि एकत्र रहते थे और वह समाज के बारे में सोचते थे. यह जीवित समाज का लक्षण है, तो संत महात्माओं का एकत्रीकरण लगातार अपनी समस्याओं का हल तलाशते रहना है. यह जिंदा रहने का एक प्रमाण है. यह यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी शरीर के लिए प्राण वायु है.