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तपोवन सुरंग: टनल में पानी आने से फिर रुका रेस्क्यू ऑपरेशन

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Published : Feb 17, 2021, 6:27 AM IST

Updated : Feb 17, 2021, 2:29 PM IST

14:11 February 17

तपोवन टनल के अंदर फिर पानी का रिसाव

तपोवन टनल के अंदर फिर पानी का रिसाव

टनल में पानी आने से फिर रुका रेस्क्यू ऑपरेशन

तपोवन टनल के अंदर पानी का रिसाव होने के कारण एक बार फिर से टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन का काम रोक दिया गया है. पम्पिंग मशीनों के जरिये टनल के अंदर जमा पानी को बाहर निकाला जा रहा है. टनल के अंदर पानी की निकासी के बाद ही मलबा हटाने का कार्य शुरू किया जाएगा.

14:11 February 17

चमोली जिला पुलिस के मुताबिक, अब तक कुल 58 शव और 25 मानव अंग बरामद हुए हैं. जिनमें 30 शवों और 1 मानव अंग की पहचान हो चुकी है. 

09:02 February 17

टनल में राहत-बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया

राहत-बचाव कार्य फिर से शुरू

सूत्रों के मुताबिक टनल में राहत-बचाव का कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है. 

06:26 February 17

तपोवन टनल के अंदर पानी के रिसाव के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा

जोशीमठ से बड़ी खबर सामने आ रही है. तपोवन टनल के अंदर पानी के रिसाव के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ गया है. फिलहाल एजेंसियां पंपिंग मशीन के जरिए टनल के अंदर से पानी बाहर निकालने में जुटी हुईं हैं. एसडीआरएफ के मुताबिक टनल से पानी बाहर निकालने के बाद दोबारा राहत बचाव कार्य शुरू किया जाएगा. अभी तक 58 शव बरामद हुए हैं.

06:17 February 17

उत्तराखंड हादसा लाइव अपडेट-

तपोवन: उत्तराखंड के चमोली जिले में 10 दिन पहले आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर क्षण के साथ और धूमिल होती उम्मीदों के बीच कीचड़ से भरी इस सुरंग में बचाव कार्य लगातार जारी है.

चमकती लाइटें सुरंग के भीतर का दृश्य दिखाती हैं, जो गाद एवं कीचड़ से भरी है, जहां पिछले एक सप्ताह से लगातार आ-जा रहे वाहनों के निशान बने हुए हैं और गाद को बाहर निकालने की एक मशीन अब भी काम पर लगी हुई है.

अधिकारियों ने कहा कि दिन में काम की गति धीमी रही. सुरंग से उस हिस्से से अब भी पानी आ रहा है, जिसे अभी साफ किया जाना बाकी है और उस पानी को लगातार बाहर निकाला जा रहा है. इसके साथ ही और कीचड़ बाहर आ रहा है.

मंगलवार शाम को एक फोटोग्राफर ढलाव वाली सुरंग के भीतर गया, जिसमें से सात फरवरी को आई बाढ़ के बाद बचाव कार्य शुरू होने के बाद से कई टन कीचड़ और मलबा और 11 शवों को बाहर निकाला जा चुका है. शुरुआत में सुरंग में करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही थी.

सुरंग के भीतर करीब 150 मीटर तक यह देखना आसान है कि बचावकर्मी क्या कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद सुरंग में कीचड़ की मजबूत दीवार है.

मुन्ना सिंह और मिथलेश सिंह धौलीगंगा में अब नष्ट हो चुकी एनटीपीसी की विद्युत परियोजना में कार्यरत थे और अब वे बचाव कार्य में तैनात हैं.

सिंह ने कहा कि यदि वह रविवार को ड्यूटी पर होता, तो वह भी पीड़ितों में शामिल हो सकता था. जो शव मिले हैं, वे या तो दीवारों या बंद सुरंग की छत पर चिपके थे.

बचावकर्ती अमूमन चार घंटे काम करते हैं और इसके बाद नया समूह काम पर आता है. सुरंग में सांस लेना मुश्किल है.

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल बचाव प्रयासों में जुटे हैं.

Last Updated : Feb 17, 2021, 2:29 PM IST

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