छत्रपति संभाजीनगर :डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर पद्मश्री प्रहलाद रामा राव ने एक हीट जनरेट करने वाली मशीन बनाई है. उनका कहना है कि अगर इस पर और शोध किया जाए तो अगले दो साल में इससे बिजली पैदा करना संभव हो जाएगा. पद्मश्री वैज्ञानिक प्रह्लाद रामा राव ने एक निजी संस्था के माध्यम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है. इस पर शोध करने के बाद उन्होंने हाइड्रोजन के जरिए एक मशीन बनाई है. यह मशीन ठंडे क्षेत्रों में गर्मी उत्पन्न कर सकती है.
पी रामा राव ने दावा किया है कि बड़ी संख्या में लेने पर यह मशीन महज दस हजार रुपये में उपलब्ध होगी. एक बार डिवाइस इंस्टॉल हो जाने के बाद यह कम से कम छह महीने तक काम करती रहेगी, इसलिए अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
वैज्ञानिक पी रामा राव ने कहा कि जहां भारतीय सैनिक ठंडे इलाकों में बंकरों में काम करते हैं, वहां गर्मी पैदा करने की जरूरत होती है. उन्होंने विश्वास जताया कि यह वहां सबसे अधिक उपयोगी होगा. उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस चल रहे शोध के विभिन्न चरण हैं और इसके माध्यम से ही बिजली उत्पन्न करना संभव होगा.
चार देश कर रहे शोध: उन्होंने कहा कि ऊर्जा उत्पादन में चार देश मुख्य रूप से प्रयास कर रहे हैं जिसमें जापान, चीन, अमेरिका और भारत शामिल हैं. आने वाले समय में दुनिया में सबसे बड़ी चुनौती ऊर्जा उत्पादन में होने वाली है. भारत के पास संसाधन कम हैं और अधिक प्रयास करने की जरूरत है. अमेरिका और जापान इस पर खूब शोध कर रहे हैं और पैसा खर्च कर रहे हैं; लेकिन भारत उस हिसाब से खर्च करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरत को देखते हुए इसके लिए अधिक से अधिक शोध और प्रयास करना जरूरी है. इस शोध के आधार पर अमेरिका अंतरिक्ष मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन जापान का इरादा इसे आम जनता के लिए इस्तेमाल करने का है.
उन्होंने कहा कि जिस परियोजना को हम क्रियान्वित कर रहे हैं उसकी लागत लगभग 18 करोड़ होने की उम्मीद है. आज पांच शोध वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं.