चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि को वसन्त नवरात्रि या वासंतिक नवरात्रि के साथ-साथ राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. इसमें भी शारद नवरात्रि के समान देवी के 9 स्वरूपों की पूजा लगातार 9 दिनों तक की जाती है. यह चैत्र नवरात्रि मां देवी दुर्गा के साथ साथ भगवान राम को भी समर्पित होती है. इसके पीछे एक खास कारण बताया जाता है.
चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि में भक्त व हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग देवी मां की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक उनके स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं कुछ भक्त 9 दिनों तक उपवास रखकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करते हैं.
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हिन्दू धर्म के नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत होती है. इसीलिए घटस्थापना के साथ साथ चैत्र प्रतिपदा खास तौर की पूजा के साथ शुरू करते हैं. यह हिन्दू कैलेण्डर का पहला दिन होता है. इस तरह से देखा जाय तो साल के पहले दिन से अगले 9 दिनों तक देवी मां की पूजा करके साल का शुभारम्भ करते हैं.