चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू होने जा रहा है. इस दौरान देवी भगवती के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. देवी के 9 स्वरूपों की पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि मां को किस चीज की भोग लगाएं और किन-किन चीजों के भोग से मां अधिक प्रसन्न होती हैं.
धार्मिक कथाओं व ग्रंथों में मां के लिए सर्वाधिक पसंद के भोग के रूप में नारियल को बताया जाता है. बताया जाता है कि नवरात्रि में माता का सबसे प्रिय भोग नारियल होता है. इसीलिए सारे मंदिरों में मां को नारियल का भोग लगाया जाता है. मां को नारियल अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
अगर आने वाली चैत्र नवरात्रि के दिनों में भक्त माता को हर दिन एक नारियल अर्पित करके इसका भोग लगाते हैं और इसे प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरण करते हैं तो इससे मां की कृपा मिलती है.
शास्त्रों की कथाओं व मान्यताओं में ऐसा माना जाता है कि नारियल के पेड़ में माता लक्ष्मी का निवास होता है. इसीलिए दक्षिण भारत में मां लक्ष्मी के भक्त अपने घरों में नारियल का पेड़ लगाकर रखते हैं. नारियल के पेड़ को वास्तु के नियमों में भी अच्छा माना जाता है. नारियल का पेड़ घर में सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
आपको बता दें कि नारियल के फल को भगवान विष्णु द्वारा धरती पर भेजा गया फल कहा जाता है, जिस पर मां लक्ष्मी का अधिकार कहा जाता है. नारियल फोड़ना को लेकर इन 3 बातों पर खास ध्यान देना चाहिए...
- नारियल के बारे में एक मान्यता है कि नारियल को महिलाओं को नहीं तोड़ना चाहिए. नारियल बीज का स्वरूप कहा गया है. एक स्त्री बीज रूप में ही एक शिशु को जन्म देकर मां बनती है. इसलिए हिन्दू धर्म की मान्यताओं में महिलाओं के लिए नारियल फोड़ना वर्जित माना गया है.
- मान्यता है कि नारियल चढ़ाने एक बलि का प्रतीक है. मां को नारियल की बलि देने से मनोकामना पूर्ण होती है. इसीलिए पूजा में इस्तेमाल हुए नारियल को तोड़ कर प्रसाद के रूप में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बांटना चाहिए.
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- अगर देवी की पूजा में भोग के लिए चढ़ाया गया नारियल खराब निकल जाए तो उसको लेकर लोग परेशान हो जाते हैं. इसे एक बुरा संकेत माना जाता है. खराब निकलने वाले नारियल को जमीन में गाड़ दें या नदी में प्रवाहित कर दें. कभी भी प्रसाद स्वरूप नारियल को गंदे व कचरे वाले स्थानों पर न डालें.
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