वाराणसी: चैत्र नवरात्र की शुरुआत 22 मार्च यानी बुधवार से हो रही है. 9 दिनों तक माता की भक्ति में लीन रहने के साथ ही यह नवरात्र सनातन धर्म के लिए नवसंवत्सर के रूप में भी जाना जाता है. नवसंवत्सर यानी हिंदू धर्म में नए साल की शुरुआत. इसे सनातन धर्म में रितु और नए महीने के साथ ही तमाम चीजों की शुरुआत भी मानी जाती है. इस दिन को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रूप में मनाया जाता है. लेकिन, नवसंवत्सर की शुरुआत और ग्रह मंडल में ग्रहों के नए मंत्रिमंडल की मौजूदगी नई रूपरेखा भी निर्धारित करती है. जानिए यह नया साल कैसा होगा. साथ ही सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से इसका विभिन्न राशियों पर क्या असर देखने को मिलेगा.
ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री का कहना है कि विक्रमी नवसंवत्सर 2080 शाके 1945 संवत्सर का नाम नल होगा. इसके राजा बुध होंगे और मंत्री शुक्र होंगे. जबकि, धनेश सूर्य और फलेश गुरु हैं. सनातन धर्म में नया साल चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से प्रारंभ होता है. इस बार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का आरंभ 22 मार्च 2023 को हो रहा है. राजा और मंत्री में मित्रता होने से सत्ता पक्ष में सरलता पूर्वक कार्य होगा. लेकिन अगर भारतवर्ष की कुंडली का विचार किया जाए तो लग्नेश बुध अष्टम भाव में राहु के साथ विद्यमान है. यह वर्ष विश्व शांति और भारत के लिए उत्तम नहीं माना जाएगा. क्योंकि बुध और राहु का योग बुध ग्रहण योग के भाव से माना जाता है. द्वितीय भाव पर राहु की दृष्टि होने से प्रभाव बस कुछ राष्ट्रों में अंतरिक्ष स्थितियां बिगड़ेगी. कुंडली में तृतीय अपने अष्टम भाव में है. इसलिए पड़ोसियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे. भारत में रक्त संचार का संघार का परिणाम दिखाई देगा.
आर्थिक दृष्टि पर विचार:आचार्य दैवज्ञ का कहना है कि भारतवर्ष की आर्थिक आधार पर कुंडली को देखा जाए तो विश्व व्यापार के साथ-साथ में आकस्मिक मंदी की स्थिति दिखाई पड़ रही है. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेंगे. उन्होंने बताया कि लग्नेश अष्टम भाव में है, जबकि बरस का राजा बुध शनि से दृष्ट है. इस स्थिति के अनुसार उग्रवाद आतंकवादी ताकतों का भारत के हर भाग में प्रसार होगा. वाहन दुर्घटना एवं अंतरिक्ष उत्पाद विस्फोट और जनतंत्र की हानि भी संभव है. विचार किया जाए तो कहीं-कहीं पर प्राकृतिक आपदा जन धन हानि भी संभव है. विरोधी दलों का वर्चस्व बढ़ेगा. नया कानून व्यवस्था बनने की उम्मीद है. भारतवर्ष की कुंडली में गुरु पंचमेश पंच मस्त हैं, शनि से मंगल का नवपंचम योग बन रहा है. जिससे भारत की राजनीति में विशेष कानून व्यवस्था लागू होगी.
आचार्य दैवज्ञ के अनुसार, 16 से 31 मार्च के बीच बुध, शनि, राहु की स्थिति के कारण न्यायालयों ने कठोर निर्णय लिए जाने की आशंका है. 22 अप्रैल से गुरु राहु शनि की स्थिति, 10 मई से मंगल की गोचरीय स्थिति विश्वव्यापी स्तर पर प्राकृतिक प्रकोप, युद्धोन्माद, विषाणु जन्य रोग, जनाक्रोश, मूल्यवृद्धि जैसी अवांछित घटनाओं की भी आशंका है. इससे भारत भी अछूता नहीं रह सकेगा.
नए संवत्सर में बरसात का विचार:आर्द्रा प्रवेश विचार से लग्नेश मंगल नीच भाव पर स्थित हैं. गुरु राहु चांडाल योग लग्न में है. इससे अधिकांश भागों में वर्षा सामान्य रहेगी, किंतु पश्चिम भागों में वर्षा की कमी होगी. उत्तर और दक्षिणी भागों में अत्याधिक वर्षा जनजीवन अस्त व्यस्त होगा. ईशान कोण में सामान्य अग्नि कोण और आग्नेय प्रदेश में असामान्य वर्षा होगी. चार धाम के विचार से लग्नेश अष्टम में राहु के साथ हैं. सूर्य के आगे शुक्र पीछे चंद्रमा और बुध सारथी सदस्य हैं. इस कारण उत्पत्ति अच्छी होगी. कहीं वर्षा के कारण नुकसान हो सकता है और शनि के प्रभाव से प्राकृतिक प्रकोप होगें. अति वर्षण होगा, अल्प वर्शन होगा, रोग इत्यादि से किसी के कुछ भागों में हानि होगी. समुद्र में रोहिणी के बाद से अत्यंत वर्षा तथा सब अनाज फसलें अधिक मात्रा में उत्पन्न होगी.
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार इस बार नव संवत्सर में ग्रहण उतने नहीं देखने को मिलेंगे, जितने बीते कई सालों से देखने को मिल रहे थे. इस बार विश्व भर में 4 ग्रहों के योग हैं. जिनमें 3 सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण है, लेकिन भारत में सिर्फ एक ग्रह जो चंद्रग्रहण के रूप में होगा. वह 26 अक्टूबर 2023 को भारतवर्ष में देखा जा सकेगा. जबकि, बाकी किसी ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा.
राशि अनुसार नवसंवत्सर का प्रभाव
मेषः आर्थिक समस्याएं समाप्त होंगी. लेनदेन में सावधान रहने की आवश्यकता है. उच्च रक्तचाप, हृदय, छोटी आंत में दोष एवं महिलाएं टॉन्सिल के प्रति सावधान रहें.
उपायः मंगलवार के दिन बहते हुए जल में लाल मसूर, गेहूं और लाल मिष्ठान का दान करें.
वृषः वृषभ राशि वालों के लिए यह वर्ष सामान्य सुखदायक रहेगा. संतान का उत्तम सुख होगा. नए व्यक्तियों का सहयोग मिलेगा. व्यवसाय और नौकरी दोनों के लिए ही उत्तम योग बन रहा है. कागजी कार्य में सावधानी रखें अन्यथा बड़ा नुकसान होने के योग बन रहे हैं.
उपायः घर में चांदी के गिलास में जल का सेवन करें, शुक्रवार के दिन संपूर्ण श्रृंगार सामग्री पीला वस्त्र सहित सुहागन स्त्रियों को दान करें.
मिथुनः भाग्य आपका साथ दे रहा है. सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी, नौकरी में पदोन्नति की संभावनाएं बनेंगी. अनिद्रा, मासिक धर्म से जुड़े रोग और स्किन एलर्जी के साथ ही दुर्घटना होने या झगड़ा होने के योग बन रहे हैं.
उपायः बुधवार के दिन हरे कपड़े में अपामार्ग की जड़ को धारण करें.
कर्कः मानसिक अशांति शत्रु बाधा कार्यों में रुकावट वाद-विवाद आपके कार्यों में देरी कराएगा. आर्थिक समस्याएं रहेगी. अत: किसी भी प्रकार के निवेश से बचने का प्रयास करें. इस वर्ष स्वास्थ्य को लेकर विशेष तौर पर सावधान रहें.उपाय - सोमवार के दिन चिड़ियों एवं चीटियों को चावल खिलाएं.
सिंहः विशेष आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे. विदेश यात्राओं से भी कार्यक्षेत्र में लाभ प्राप्त करेंगे. कोई सहकर्मी आपकी प्रतिष्ठा पर लांछन लगा सकता है. विभिन्न रोगों के कारण परेशान रहेंगे.
उपायः रविवार के दिन केसर, लाल वस्त्र, मसूर और लाल फल का दान करें.