चैत्र नवरात्रि के नवें दिन ( Chaitra Navratri 2023 ) मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री ( Maa Siddhidatri ) की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री का अर्थ है वो देवी जो अपने भक्तों को सफलता और मुक्ति का आशीर्वाद देती हैं. मां सिद्धिदात्री की पूजा अन्य सभी देवी-देवताओं, ऋषियों, यक्षों, किन्नरों, गंधर्वों, ऋषियों, भक्तों, राक्षसों और गृहस्थ आश्रम के निवासियों द्वारा की जाती है. Chaitra Navratri 2023 . Navratri Day 9 . Maa Siddhidatri .
मां सिद्धिदात्री कथा
माता सिद्धिदात्री की कथा के अनुसार, जब ब्रह्मांड पूरी तरह से अंधकारमय था, तब अंधकार में ऊर्जा की एक छोटी-सी किरण उभरी. समय के साथ इसकी चमक और तेज होती गई. धीरे-धीरे, इसने एक पवित्र दिव्य महिला का रूप धारण कर लिया. जब देवी सिद्धिदात्री पहली बार प्रकट हुईं, तो त्रिदेव, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म हुआ.भगवान शंकर (Lord Shankar ) ने सिद्धिदात्री माता की कृपा से आठ सिद्धियां प्राप्त कीं.मां सिद्धिदात्री की कृपा से भगवान शिव का शरीर दो भागों में विभाजित हो गया, इस प्रकार उनका नाम अर्धनारीश्वर पड़ा. माँ सिद्धिदात्री की एक और कहानी में, यह माना जाता है कि जब महिषासुर के अपराधों ने त्रिदेवों को परेशान किया, तो उन्होंने अपने तेज से सिद्धिदात्री माता की रचना की. तब देवी ने लंबे समय तक महिषासुर से युद्ध किया. अंततः महिषासुर मारा गया और तीनों लोक उसके अत्याचारों से मुक्त हो गए.